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गैर इरादन हत्या के वाद- में 9 साल बाद आरोपी दोष मुक्त

मुकदमें के अनुसार दिनांक 03.05.2016 को  केदार सिंह रावत पुत्र स्व० हर्ष सिंह रावत, निवासी बिठौरिया नंबर एक हल्द्वानी की राजकीय विद्यालय फौसी भरकोटा उधमसिंह नगर में शिक्षक के पद पर नियुक्त थे, अपनी स्कूटी नंबर यू.के.04एन. 1266 से समय लगभग पौने दो बजे मुखानी होते हुए अपने घर के लिए जा रहे थे कि एक टेंकर नंबर यू.के.06सी.ए. 2588 जिसको उसका चालकर तेजी एवं लापरवाही से कॉपरेटिव बैंक की तरफ से तिकोनिया की तरफ ले जा रहा था, ने टक्कर मार कर कुचल दिया, जिससे  केदार सिंह रावत की घटनास्थल पर ही मृत्यु हो गई।

केदार सिंह रावत अध्यापक के गैर इरादन हत्या अपराध के लिए थाना हल्द्वानी में दिनांक 3-5- 2016 को मुकदमा पंजीकृत होने के बाद जांच अधिकारी द्वारा अपनी विवेचना में धर्मवीर के विरुद्ध अंतर्गत धारा 279 ,338, 304 ए भारतीय दंड संहिता का मुकदमा पंजीकृत कर तमाम विवेचना के बाद आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया न्यायालय में अभियोजन की ओर से अपने पक्ष को सिद्ध करने के लिए 9 गवाहों को पेश किया गया।

अभियुक्त की ओर से पैरवी कर रहे हल्द्वानी बार एसोसिएशन के पूर्व सचिव राजन सिंह मेहरा एडवोकेट द्वारा गवाहों के बयानों में अत्यधिक विरोधाभास लाने तथा न्यायालय श्रीमान अपर सिविल जज प्रथम के न्यायालय में जोरदार बहस और अपने पक्ष रखना के आधार पर न्यायालय श्रीमान अपर सिविल जज प्रथम गुलिस्ता अंजुम द्वारा अभियुक्त धर्मवीर को 9 साल बाद लंबी लड़ाई के उपरांत दोष मुक्त कर दिया।


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