अल्मोड़ा: पहाड़ी जंगलों का अमृत ‘हिसालू’, स्वाद में लाजवाब और औषधीय गुणों से भरपूर

अल्मोड़ा। उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में गर्मियों के मौसम में पैदा होने वाला एक खास जंगली फल — हिसालू, न केवल स्वाद में बेहतरीन है बल्कि सेहत के लिए भी बेहद फायदेमंद है। यह फल मुख्यतः अप्रैल से जून के बीच पहाड़ी जंगलों, सड़कों के किनारे और बंजर ज़मीन पर प्राकृतिक रूप से उगता है।
हिसालू का रंग आमतौर पर पीला या हल्का गुलाबी होता है और यह अपने खट्टे-मीठे, रसदार और कोमल स्वाद के लिए जाना जाता है। तपती गर्मी में यह फल ना केवल मुंह को ठंडक देता है, बल्कि शरीर को अंदर से ताजगी का अहसास भी कराता है।
औषधीय गुणों से भरपूर हिसालू
हिसालू फल में भरपूर मात्रा में पोषक तत्व पाए जाते हैं, जिनमें शामिल हैं:
- विटामिन C और B
- फाइबर
- कैल्शियम
- पोटेशियम
- मैग्नीशियम
- आयरन
हिसालू खाने के फायदे
- ब्लड प्रेशर नियंत्रण में मददगार
- डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद
- पाचन तंत्र को दुरुस्त करता है
- बुखार और सिर दर्द में राहत
- पेट साफ रखने में सहायक
- शरीर को ऊर्जा और ताजगी प्रदान करता है
स्थानीय ग्रामीण इस फल को जंगलों से एकत्र कर बाजारों में बेचते हैं, जिससे उन्हें अतिरिक्त आमदनी होती है। हालांकि अभी भी इसकी व्यवसायिक खेती की शुरुआत नहीं हो पाई है, लेकिन इसकी लोकप्रियता दिन-ब-दिन बढ़ रही है।

