हल्द्वानी में अवैध मदरसों पर बड़ी प्रशासनिक कार्रवाई, बनभूलपुरा में भारी पुलिस बल तैनात
हल्द्वानी – उत्तराखण्ड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सख्त निर्देशों के तहत अवैध रूप से संचालित मदरसों के खिलाफ प्रदेशव्यापी मुहिम लगातार जारी है। इसी कड़ी में रविवार सुबह हल्द्वानी के संवेदनशील क्षेत्र बनभूलपुरा में प्रशासन ने एक बार फिर बड़ी कार्रवाई की है।
सुबह से ही बनभूलपुरा इलाके में उन मदरसों पर शिकंजा कसा गया, जो बिना किसी वैध अनुमति के संचालित हो रहे थे। प्रशासन द्वारा की गई जांच में यह सामने आया कि कई मदरसे न केवल बिना मान्यता के चलाए जा रहे थे, बल्कि उनके अंदर बच्चों के बैठने की उचित व्यवस्था, स्वच्छता, शौचालयों की उपलब्धता और सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे जैसी मूलभूत सुविधाएं भी नहीं थीं।
प्रशासन के मुताबिक कुछ मदरसे मस्जिदों के भीतर संचालित हो रहे थे, जो कि नियमों और दिशानिर्देशों का उल्लंघन है। इन सभी कारणों के चलते प्रशासन ने तत्काल कार्रवाई करते हुए अवैध मदरसों को सील करना शुरू कर दिया है।
कार्रवाई के दौरान इलाके में भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है ताकि कानून-व्यवस्था पर कोई असर न पड़े। वहीं, मीडिया को भी कार्रवाई स्थल से दूर रखा गया है, जिससे घटनास्थल की पूरी जानकारी अभी तक सार्वजनिक रूप से उपलब्ध नहीं हो पाई है।
इस अभियान का नेतृत्व सिटी मजिस्ट्रेट ए.पी. वाजपेई द्वारा किया गया। उनके साथ एसडीएम परितोष वर्मा, एसडीएम राहुल शाह, एसडीएम रेखा कोहली, नगर आयुक्त ऋचा सिंह, थाना प्रभारी नीरज भाकुनी, तहसीलदार सचिन कुमार और मनीषा बिष्ट सहित भारी संख्या में प्रशासनिक अधिकारी व पुलिस बल मौजूद रहे।
राज्य सरकार की रिपोर्ट के अनुसार, अब तक प्रदेशभर में 140 से अधिक अवैध मदरसों पर कार्रवाई की जा चुकी है। इसके अलावा, 560 से अधिक मजारों को भी हटाया गया है जो सरकारी भूमि पर अवैध रूप से बनी हुई थीं। सरकार ने अब तक लगभग 6000 एकड़ भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराया है, जो राज्य प्रशासन की एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्पष्ट किया है कि प्रदेश में किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, चाहे वह किसी भी वर्ग, धर्म या संस्था से जुड़ी हो। उनका कहना है कि उत्तराखण्ड को अवैध कब्जों और गैरकानूनी संस्थानों से मुक्त कर एक सुरक्षित, पारदर्शी और विकसित राज्य बनाने की दिशा में यह अभियान एक निर्णायक कदम है।
