21 जून की तैयारी में जुटा योग विज्ञान विभाग, अभियान को जन आंदोलन बनाने की योजना
मुख्यमंत्री जी के आह्वान पर घर-घर तक योग को पहुँचाने की कवायद
नैनीताल, 16 मई 2025 — आओ हम सब योग करें अभियान को सफल एवम जन -जन तक पहुचाने के उद्देश्य से योग विज्ञान विभाग, डीएसबी परिसर, नैनीताल में “आओ हम सब योग करें” अभियान के तहत एक विशेष बैठक का आयोजन किया गया। आगामी अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (21 जून) को ध्यान में रखते हुए यह बैठक आयोजित की गई, जिसमें विभाग के छात्र-छात्राओं को 21 मई से 21 जून 2025 तक अपने-अपने क्षेत्रों में निशुल्क योग शिविर लगाने हेतु प्रेरित और निर्देशित किया गया बैठक में विभाग के शिक्षकों डॉ. दीपा आर्या तथा योग प्रशिक्षक श्री शुभम विश्वकर्मा की विशेष उपस्थिति रही। सभी ने मिलकर अभियान की रूपरेखा, उद्देश्य और रणनीति साझा करते हुए विद्यार्थियों को इसके सामाजिक महत्व से अवगत कराया। योग विज्ञान विभाग सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के विभागाध्यक्ष एवं इस अभियान के संयोजक
डॉ. नवीन भट्ट ने कहा माननीय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने योग को घर -घर तक पहुचाने का आह्वाहन कर स्कूल -कॉलेज के युवाओं से जुड़ने को कहा है।डॉ नवीन भट्ट ने कहा कि योग वर्तमान की बहुत बड़ी आवश्यकता है।जिसे माननीय मुख्यमंत्री जी ने सभी से अपनी दिनचर्या में अनिवार्य अंग बनाने का आह्वाहन किया है।उन्होंने कहा कि सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय का योग विज्ञान विभाग विगत वर्षों से निरंतर यह अभियान संचालित करता रहा है। प्रशिक्षु छात्र-छात्राएं उत्तराखंड के दूरस्थ गांवों से लेकर देश के विभिन्न हिस्सों तक योग शिविरों का सफलतापूर्वक संचालन करते आए हैं।
इस अभियान को उत्तराखंड सरकार के सक्रिय सहयोग और माननीय मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी जी के स्पष्ट निर्देशों के अंतर्गत संचालित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री जी का संदेश है कि “योग केवल शारीरिक व्यायाम नहीं, बल्कि आत्मिक और सामाजिक संतुलन का माध्यम है। वन अर्थ, वन हेल्थ की भावना के तहत प्रदेश के सभी विद्यालयों, महाविद्यालयों, विश्वविद्यालयों एवं गैर-शैक्षणिक संस्थानों में नियमित योग शिविर आयोजित कर जन-जन तक योग पहुंचाया जाए।” डॉ भट्ट ने कहा कि इसे एक जन आंदोलन बनाये जाने की आवश्यकता है।।
उन्होंने इस बात पर विशेष बल दिया है कि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस केवल एक आयोजन न रह जाए, बल्कि यह हर नागरिक की दिनचर्या का हिस्सा बने। राज्य सरकार इस अभियान को मिशन मोड में लेते हुए व्यापक स्तर पर उसका क्रियान्वयन हो। उन्होंने यह भी कहा कि योग केवल शारीरिक स्वास्थ्य नहीं, बल्कि मानसिक सुदृढ़ता और सामाजिक एकता का आधार भी बनता है। डॉ. दीपा आर्या ने अपने संबोधन में कहा, “हमारे छात्र सिर्फ योग के प्रशिक्षक नहीं हैं, बल्कि वे समाज में स्वास्थ्य जागरूकता के अग्रदूत भी हैं।
यह शिविर ग्रामीण जनजीवन में स्वास्थ्य और संयम का संदेश देंगे। छात्रों को यह अवसर मिला है कि वे योग को केवल पढ़ें ही नहीं, अपितु जिएं और समाज में उसका प्रसार करें।” शुभम विश्वकर्मा ने शिविर संचालन से जुड़ी व्यावहारिक जानकारी दी, जैसे शिविर का स्थान चयन, योग सत्र की रूपरेखा, लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने के उपाय, तथा प्रचार-प्रसार के आधुनिक साधनों का उपयोग।
उन्होंने कहा, “छात्रों के प्रयास से यह अभियान एक जनांदोलन का स्वरूप ले सकता है, बशर्ते हम पूरी ईमानदारी और निष्ठा से इसे क्रियान्वित करें।” एक महीने तक चलने वाले ये शिविर न केवल योगाभ्यास की विधियों को जनसामान्य तक पहुंचाएंगे, बल्कि “स्वस्थ उत्तराखंड – समृद्ध भारत” की अवधारणा को भी मूर्त रूप देंगे।बैठक के समापन पर सभी छात्र-छात्राओं ने यह संकल्प लिया कि वे योग के प्रचार-प्रसार हेतु अपने समय, ऊर्जा और ज्ञान का प्रयोग समाज कल्याण में करेंगे।
इस अवसर पर योग विज्ञान विभाग केसाक्षी सिंह,सन्दीप सिंह सूद,प्रियांशी अधिकारी,मनीष लामा,अजय सिंह,मानसी गाइड,अंकित कुमार,रौनक सिंह,लता पाण्डेय,नीतिन कुमार,योगेश राज,शीतल शर्मा,संजना मिश्रा,मनीष पनेरू,मीनाक्षी जोशी,सोनी मनोला,रोहन मेहरा,मनान सनवाल,सीमा गोस्वामी,पायल जलाल,तनुजा, प्रेरणा बिष्ट,वंशिका रानी,दीपा मेर,ज्योति, नेहा गैडा ,आशीष कुमार सहित सैकड़ों योग प्रशिक्षक उपस्थित रहे।

