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फरीदाबाद से देहरादून तक फैला था घुसपैठियों का नेटवर्क, पुलिस ने पकड़ा

देहरादून। क्लेमेंटटाउन क्षेत्र में एक निर्माणाधीन भवन में काम कर रहे पांच बांग्लादेशी नागरिकों को देहरादून पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपितों में एक महिला और चार पुरुष शामिल हैं। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि सभी आरोपित अवैध रूप से भारत में प्रवेश कर यहां विभिन्न स्थानों पर मजदूरी कर रहे थे। इनमें से एक आरोपी ने भारत में फर्जी पहचान पत्र (आधार कार्ड) भी बनवा लिया था और वर्षों से अलग-अलग राज्यों में काम कर रहा था।

पुलिस के साथ-साथ आर्मी इंटेलिजेंस की टीम भी आरोपितों से पूछताछ कर रही है। आरोपियों की पहचान और उनके भारत में आने की पूरी प्रक्रिया की जांच की जा रही है।

गिरफ्तार किए गए मुख्य आरोपी की पहचान मुनीर चंद्र राय उर्फ उज्ज्वल (30 वर्ष), निवासी छोटा डमदापुर, थाना बिरल, जिला दक्षिण दिनाजपुर, बांग्लादेश के रूप में हुई है। बताया गया कि मुनीर 16 वर्ष की उम्र में अपने मामा के माध्यम से पश्चिम बंगाल के कल्याणगंज पहुंचा था और वहीं कुछ समय तक रहा। इसके बाद उसने नोएडा, फरीदाबाद, झज्जर और देहरादून में कई ठेकेदारों के अधीन मजदूरी का काम किया।

वर्ष 2016 में मुनीर ने फरीदाबाद में पूजा रानी उर्फ रोसना, निवासी अलोकझारी, सिलीगुड़ी (पश्चिम बंगाल) से विवाह किया। यह पूजा का दूसरा विवाह था, और उसके पहले पति से दो बेटे हैं, जिनमें से एक राजस्थान और दूसरा देहरादून में रहता है। मुनीर और पूजा के दो बेटियां हैं। दोनों पति-पत्नी पिछले कुछ वर्षों से साथ में मजदूरी कर रहे थे।

वर्ष 2023 में मुनीर ने देहरादून के हर्रावाला स्थित कैंसर अस्पताल में बिहार निवासी ठेकेदार अलाउद्दीन उर्फ मोहम्मद आलम के अधीन काम किया। पिछले छह महीने में उसने बांग्लादेश से चार और लोगों को भारत बुलाया, जिनमें दो पुरुष, एक दंपती और उनके दो बच्चे शामिल हैं।

पकड़े गए अन्य आरोपितों में शामिल हैं:

  • निर्मल राय, निवासी भारा डोंगी, थाना बीरूल, जिला दक्षिण दिनाजपुर, बांग्लादेश (उम्र 35 वर्ष)
  • कृष्णा राय उर्फ संतोष, पुत्र उखिल चंद्र राय, निवासी फुलवारी, थाना बीरूल, जिला दक्षिण दिनाजपुर (उम्र 28 वर्ष)
  • शेम राय व उसकी पत्नी लिपि राय, निवासी गोविंदपुर, थाना बीरूल, बांग्लादेश — जो अपने दो बच्चों के साथ भारत में अवैध रूप से रह रहे थे।

पूछताछ में मुनीर के पास से दो फर्जी आधार कार्ड बरामद हुए हैं — एक पटना और दूसरा पश्चिम बंगाल के पते पर बनाया गया था। वहीं निर्मल राय और कृष्णा राय के पास से बांग्लादेश की नागरिकता के दस्तावेज (ID) बरामद हुए हैं।

फिलहाल सभी आरोपितों से पूछताछ जारी है और उनके भारत में आने व रहने की प्रक्रिया की विस्तृत जांच की जा रही है।


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