भाजपा विधायक आदेश चौहान को एक साल की सजा, पुलिस कस्टडी में मारपीट का मामला
हरिद्वार/देहरादून – उत्तराखंड की सियासत में उस समय हलचल मच गई जब सीबीआई की विशेष अदालत ने हरिद्वार जिले की रानीपुर विधानसभा सीट से भाजपा विधायक आदेश चौहान को एक साल के कारावास की सजा सुनाई। मामला वर्ष 2009 का है, जो पुलिस हिरासत में मारपीट और अवैध हिरासत से जुड़ा हुआ है।
सीबीआई की विशेष अदालत ने इस केस में आदेश चौहान के साथ-साथ उनकी भतीजी दीपिका और तीन पुलिसकर्मियों को दोषी करार दिया। हालांकि, दोषी ठहराए गए पुलिसकर्मियों में से एक की पूर्व में मृत्यु हो चुकी है।
वर्ष 2009 में आदेश चौहान की भतीजी दीपिका ने अपने पति मनीष के खिलाफ गंगानगर थाने में दहेज उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज कराया था। जांच के दौरान पता चला कि आरोप झूठे थे और मनीष को न केवल झूठे मुकदमे में फंसाया गया, बल्कि पुलिस हिरासत में उसे पीटा भी गया।
इस मामले में मनीष की ओर से उच्च न्यायालय में शिकायत की गई थी, जिस पर संज्ञान लेते हुए उत्तराखंड हाईकोर्ट ने सीबीआई जांच के आदेश दिए। जांच के बाद सीबीआई ने आदेश चौहान, उनकी भतीजी और शामिल पुलिसकर्मियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की।
लंबी सुनवाई के बाद सीबीआई कोर्ट ने सभी आरोपियों को दोषी मानते हुए फैसला सुनाया। आदेश चौहान को एक साल की कैद की सजा सुनाई गई, जबकि अन्य दोषियों को भी विभिन्न धाराओं में सजा दी गई है। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि आरोपी ने अपने प्रभाव का दुरुपयोग करते हुए व्यक्ति को अवैध रूप से हिरासत में रखवाया और उस पर शारीरिक हिंसा करवाई।
इस फैसले के बाद उत्तराखंड की राजनीति में उथल-पुथल मच गई है। विपक्ष ने इसे सत्ता के दुरुपयोग का मामला बताते हुए भाजपा से जवाब माँगा है। फिलहाल भाजपा की ओर से इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।
