अंकिता हत्याकांड: पुलकित आर्य को उम्रकैद की सजा, महिला एकता मंच ने बताया जनता की जीत
VIP का नाम उजागर करने और सबूत नष्ट करने वालों पर कार्रवाई की मांग
कोटद्वार न्यायालय द्वारा अंकिता भंडारी हत्याकांड में मुख्य आरोपी पुलकित आर्य समेत तीनों दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाए जाने के फैसले को महिला एकता मंच ने उत्तराखंड की जनता की जीत करार दिया है। मंच ने ऐलान किया है कि अब संघर्ष का अगला चरण उन लोगों के खिलाफ होगा जिन्होंने अंकिता के घर पर बुल्डोजर चलवाकर सबूत नष्ट किए और उस वीआईपी का नाम छिपाया, जिससे अंकिता से विशेष सेवा दिलवाने का दबाव बनाया गया था।
कोटद्वार न्यायालय परिसर के बाहर भारी संख्या में जुटे प्रदर्शनकारियों में महिला एकता मंच की संयोजक ललिता रावत भी शामिल रहीं। उन्होंने कहा कि चूंकि आरोपी भाजपा से जुड़ा हुआ था, इसलिए यह न्याय प्राप्त करने की राह बेहद कठिन थी। “88 तारीखों तक लगातार वकीलों ने अदालत के भीतर और जनता ने सड़कों पर संघर्ष किया, तब जाकर यह फैसला आया है,” उन्होंने कहा।
ललिता रावत ने बताया कि अंकिता के माता-पिता को फांसी की उम्मीद थी, ऐसे में उन्हें उम्रकैद की सजा से आंशिक संतोष है, लेकिन आंखें नम हैं।
मंच की सदस्य सरस्वती जोशी ने कोटद्वार को पुलिस छावनी में तब्दील करने, प्रदर्शनकारियों पर पानी की बौछार व बल प्रयोग किए जाने की कड़े शब्दों में निंदा की। उन्होंने भाजपा सरकार पर तानाशाही रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि जगह-जगह बैरिकेडिंग लगाकर जनता की आवाज दबाने की कोशिश की गई।
आज के विरोध प्रदर्शन में उत्तराखंड के विभिन्न हिस्सों से सैकड़ों की संख्या में लोग कोटद्वार पहुंचे और न्याय के पक्ष में अपनी एकजुटता दिखाई। महिला एकता मंच ने साफ किया है कि जब तक दोषियों को संरक्षण देने वालों पर भी कार्रवाई नहीं होती और वीआईपी का नाम सामने नहीं आता, तब तक उनका संघर्ष जारी रहेगा।
