उत्तराखंड में सहायक अध्यापक भर्ती पर से हटी रोक
हाईकोर्ट के फैसले से हटे कानूनी अवरोध, जल्द नियुक्त होंगे 1300 सहायक अध्यापक।
देहरादून। उत्तराखंड में लंबे समय से सहायक अध्यापक (LT ग्रेड) की नियुक्ति का इंतजार कर रहे हजारों युवाओं के लिए बड़ी राहत की खबर सामने आई है। न्यायिक प्रक्रिया में महीनों तक उलझी भर्ती प्रक्रिया अब दोबारा पटरी पर आ गई है। हाईकोर्ट द्वारा लगाई गई रोक हटने के बाद अब 1300 से अधिक चयनित अभ्यर्थियों को आगामी 10 दिनों के भीतर नियुक्ति पत्र मिलने की संभावना है।
शिक्षा विभाग में सहायक अध्यापक के रिक्त पदों को भरने के लिए उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) को वर्ष 2024 में कुल 1544 पदों पर भर्ती की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। इसके तहत आयोग ने 18 अगस्त 2024 को लिखित परीक्षा आयोजित करवाई और फरवरी 2025 में इसका परिणाम घोषित कर दिया।
इसके बाद आयोग ने दस्तावेज सत्यापन के बाद लगभग 1300 चयनित अभ्यर्थियों के नाम शासन को भेज दिए थे। लेकिन इससे पहले कि उन्हें नियुक्ति पत्र जारी किए जाते, कुछ अभ्यर्थियों ने परीक्षा के कुछ प्रश्नों को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी, जिस पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने भर्ती प्रक्रिया पर स्थगन आदेश (रोक) लगा दी।
याचिकाकर्ताओं ने दावा किया कि परीक्षा में पूछे गए सात प्रश्नों के उत्तर गलत थे, जिससे चयन प्रक्रिया प्रभावित हुई। न्यायालय के आदेश पर आयोग ने इन प्रश्नों की पुनः जांच विशेषज्ञों से कराई, जिसमें यह स्पष्ट हुआ कि सात में से आठ उत्तर सही पाए गए। यह तकनीकी त्रुटि साबित हुई और मामला अदालत में कमजोर पड़ गया।
इसके बाद आयोग ने हाईकोर्ट के एकलपीठ के निर्णय के खिलाफ डबल बेंच में अपील दायर की, जहां मामले की विस्तृत जांच के बाद कोर्ट ने नियुक्तियों पर लगी रोक हटा दी और आयोग को आगे की प्रक्रिया शुरू करने की अनुमति दे दी।
हाईकोर्ट की रोक हटने के साथ ही अब 1300 से अधिक अभ्यर्थियों की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है। इन अभ्यर्थियों के नाम पहले ही शासन को भेजे जा चुके हैं। वहीं, शेष लगभग 200 पदों पर चयन प्रक्रिया जारी है, जिसे आयोग द्वारा जल्द ही पूर्ण कर लिया जाएगा।
उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार:
“हाईकोर्ट से निर्णय हमारे पक्ष में आने के बाद अब कोई विधिक अड़चन नहीं बची है। अगले 10 दिनों के भीतर चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र जारी कर दिए जाएंगे।”
