केंद्रीय गृह सचिव का आश्वासन के बाद ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल खत्म
सरकार तत्काल लागू नहीं करेगी नया कानून
नई दिल्ली। हिट एंड रन मामले में सख्त कानून के खिलाफ ट्रांसपोर्टरों की देशव्यापी हड़ताल मंगलवार रात सरकार के इसे तत्काल लागू नहीं करने के आश्वासन के बाद खत्म हो गई। समझौते के बाद सरकार और अखिल भारतीय परिवहन कांग्रेस ने हड़ताल पर गए ड्राइवरों से काम पर लौटने की अपील की है। लोगों को इससे बड़ी राहत मिली है, हालांकि दिन भर लोग परेशान रहे। देशभर में पेट्रोल- डीजल समेत आवश्यक वस्तुओं की किल्लत पैदा होने लगी थी।
केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला की परिवहन कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक में नए कानून को आपत्तियों, सुझावों पर व्यापक विमर्श के बाद लागू करने का फैसला हुआ। इसके बाद संगठन के अध्यक्ष अमृतलाल मदान ने हड़ताल वापस लेने की घोषणा की। भल्ला ने कहा कि भारतीय न्याय संहिता की धारा 106 (2) में दस साल की सजा व जुर्माने के प्रावधान पर वाहन चालकों की चिंता का संज्ञान लिया। सरकार ने स्पष्ट किया, नए प्रावधान अभी लागू नहीं हुए हैं। गौरतलब है कि ट्रांसपोर्टरों ने सोमवार से तीन दिन की हड़ताल शुरू की थी। दूसरे दिन ही देशभर के करीब 2,000 पेट्रोल पंपों पर ईंधन खत्म हो गया था।
देहरादून/हल्द्वानी। हिट एंड रन संबंधी कानून के विरोध में चक्काजाम का असर उत्तराखंड में भी देखने को मिला। मंगलवार को प्रदेशभर में रोडवेज बस से लेकर ट्रक, आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति करने वाले वाहनों का संचालन प्रभावित रहा। इस बीच सचिव परिवहन अरविंद सिंह हयांकी ने परिवहन संघों की बैठक बुलाई। उन्होंने बताया कि नए कानून में जिस सजा के विरोध में हड़ताल हो रही है, इसकी न तो अधिसूचना जारी हुई है और न ही लागू हुआ है। आह्वान किया कि अपनी बात कानून सम्मत तरीके से रखें, जिसे केंद्र तक पहुंचाया जाएगा। परिवहन संघों का कहना था कि इस कानून में 10 साल की सजा 5 लाख अर्थदंड का प्रावधान किया गया है, जो न्यायसंगत नहीं है। इधर, कुमाऊं में हड़ताल का व्यापक असर देखने को मिला। ईंधन, गैस सिलिंडर व सब्जियों की आपूर्ति तक लड़खड़ा गई थी।
