चार्टर्ड अकाउंटेंट ने चीन से मिलकर बिछाया था लोन एप्स का जाल
दिल्ली। देशभर में फर्जी लोन एप्स के माध्यम से 750 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी के मामले में वांछित चार्टर्ड अकाउंटेंट अभिषेक अग्रवाल को दिल्ली स्थित इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे से गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपी देश छोड़कर थाईलैंड भागने की कोशिश में था, लेकिन उत्तराखंड एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) की सतर्कता से उसकी योजना विफल हो गई।
एसटीएफ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नवनीत भुल्लर के अनुसार, अभिषेक अग्रवाल ने अपने साथियों के साथ मिलकर कई शेल कंपनियों का निर्माण किया था। इन कंपनियों के माध्यम से फर्जी लोन एप्स बनाए गए, जो आम लोगों को छोटे लोन का झांसा देकर बड़ी रकम हड़पते थे। इन एप्स के जरिये अवैध तरीके से डाटा ऐक्सेस किया जाता था और फिर लोगों को डराकर उनसे रकम वसूली जाती थी।
इन शेल कंपनियों का संचालन गुरुग्राम निवासी अंकुर ढींगरा और अभिषेक अग्रवाल मिलकर कर रहे थे। चौंकाने वाली बात यह है कि इनमें से कई कंपनियों के सह-निदेशक चीनी नागरिक हैं। जांच में सामने आया है कि ठगी की गई रकम का एक बड़ा हिस्सा चीन में ट्रांसफर किया गया।
इस मामले में 2023 में अंकुर ढींगरा को गुरुग्राम से गिरफ्तार किया गया था, लेकिन अभिषेक अग्रवाल उस समय से फरार था। उसे पकड़ने के लिए लुक आउट सर्कुलर जारी किया गया था और देश के तमाम अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डों को अलर्ट पर रखा गया था।
सूचना मिलने पर एसटीएफ ने तत्काल कार्रवाई करते हुए दिल्ली एयरपोर्ट पर जाल बिछाया और जैसे ही अभिषेक ने विदेश जाने का प्रयास किया, उसे हिरासत में ले लिया गया। गिरफ्तारी के दौरान उसके पास से महत्वपूर्ण दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण भी बरामद किए गए हैं, जिनकी जांच जारी है।
एसटीएफ अब पूरे नेटवर्क की गहन जांच कर रही है, जिसमें टेक्निकल एक्सपर्ट्स और साइबर विशेषज्ञों की टीम को लगाया गया है। पुलिस का कहना है कि इस मामले में अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क की भी संभावनाएं हैं, जिनकी पुष्टि होने पर विदेशी एजेंसियों से सहयोग लिया जाएगा।
पुलिस ने आम लोगों से अपील की है कि किसी भी लोन एप को डाउनलोड करने से पहले उसकी आरबीआई से अनुमति, कंपनी की प्रामाणिकता और ऐप स्टोर रिव्यू को जरूर जांचें। फर्जी लोन एप्स के ज़रिये हो रही ठगी के मामले हाल के वर्षों में तेजी से बढ़े हैं।

