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कोतवाली के मालखाने से 12.48 लाख रुपये  हुए गायब, केस दर्ज

कोतवाली के मालखाने से 12.48 लाख रुपये की  नगदी गायब मिलने पर मामले में जांच के बाद, उच्चाधिकारियों के आदेश पर, एसएसआई ने मालखाना मोहर्रिर, रिटायर्ड मालखाना मोहर्रिर व एक अन्य पुलिसकर्मी, के खिलाफ केस दर्ज कराया है। वर्ष 2017 में हत्या के एक मामले में, आरोपियों के पास से पुलिस ने यह धनराशि, जब्त की थी।

काशीपुर कोतवाली के एसएसआई प्रदीप मिश्रा ने सोमवार को कोतवाली में तहरीर दी है और कहा कि मालखाने में रखी 12 लाख  48 हज़ार  रुपए की  धनराशि गायब मिलने के बाद से संबंधित जांच  उच्चाधिकारी द्वारा कराई गई थी। जांच के बाद कोतवाली में तैनात मालखाना, मोहर्रिर हेड कांस्टेबल महेश पंत, रिटायर्ड मालखाना मोहर्रिर, अपर उप निरीक्षक सुदेश कुमार, तथा मालखाना मुंशी कांस्टेबल कुशाल सिंह पर, धनराशि को गायब करने का संदेह है।

अप्रैल 2023 में तत्कालीन मालखाना मोहर्रिर, सुदेश कुमार ने यह धनराशि अलमारी में देखी थी, लेकिन उसके बाद अगस्त 2023 में नवनियुक्त मालखाना मोहर्रिर, हेड कांस्टेबल महेश पंत को चार्ज देने के दौरान, धनराशि अलमारी से गायब थी। जबकि उसकी एकमात्र चाभी नवनियुक्त मालखाना मोहर्रिर, के पास थी। तहरीर के आधार पर वर्तमान मालखाना मोहर्रिर, रिटायर्ड मालखाना मोहर्रिर, व मालखाना मुंशी के खिलाफ, धारा 409 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।

जानिए क्यों जमा थे मालखाने में 12.48 लाख रुपये

वर्ष 2017 में रामपुर के, थाना टांडा ग्राम हमीरपुर निवासी  संतराम पुत्र स्वर्गीय मोहर सिंह ने कोतवाली पुलिस को तहरीर दी थी कि उसको रेनू ,उसकी पुत्री और हरप्रीत पर अपने भाई कि हत्या कर देने का सक है।संतराम ने बताया कि  उसका भाई पृथ्वी सिंह पिछले 15 वर्षों से  फसियापूरा में रेनू नाम की महिला के साथ रहता था। जिसकी एक पुत्री भी है। 24 अप्रैल 2017 को उसके भाई ने  अपने गांव की जमीन बेची थी। जिसके एवज में उसे 14.45 लाख रुपये नगद मिला था। जिसको लेकर वह रेनू के पास चला गया था। आरोप लगाया था कि रेनू की पुत्री का  मानपुर निवासी हरप्रीत नाम के युवक से  प्रेम प्रसंग चल रहा था। 24 अप्रैल 2017 की रात को रेनू का  फोन आया और उसने भाई की मौत की सूचना दी।

पीड़ित ने रेनू व उसकी पुत्री और हरप्रीत पर  हत्या का शक जताया था। मामले में पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर  मामले का खुलासा कर  आरोपियों के कब्जे से 12.48 लाख रुपये बरामद किये थे। जिसको साक्ष्य के लिए मालखाने में जमा करा दिया गया  था।


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