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रेलवे विभाग कि नई उपलब्धि, बिना लोको पायलट व सहायक लोको पायलट दोड़ने लगी ट्रेन,

पहुंची 70 किलोमीटर दूर कठुआ से होशियारपुर

ट्रैक पर रेत की बोरियां रोकने में आयी काम

 

जम्मू/चंडीगढ़। रेलवे विभाग की हैरान कर देने वाली बड़ी लापरवाही सामने आई है। जहा डीजल इंजन से चलने वाली मालगाड़ी बिना लोको पायलट व सहायक लोको पायलट के ही जम्मू के कठुआ से पंजाब के होशियारपुर पहुंच गई। इस बीच मालगाड़ी के बिना चालक के 70 किमी दूरी तय करने से रेलवे में हड़कंप मच गया। हालांकि इसमें किसकी लापरवाही थी, इसे लेकर कोई भी अधिकारी बोलने को तैयार नहीं है। रेलवे ने मामले में जांच शुरू कर दी है। गनीमत यह रही कि इस घटना में न कोई हताहत हुआ, न ही संपत्ति को कोई नुकसान पहुंचा।

कठुआ स्टेशन पर ढलान पर खड़ी 53 बोगी वाली मालगाड़ी रविवार को सुबह करीब 7.10 बजे अचानक पठानकोट की ओर दौड़ पड़ी। उस वक्त लोको पायलट व सहायक लोको पायलट मालगाड़ी में सवार नहीं थे। मालगाड़ी के बिना चालक के चलते ही कर्मचारियों ने इसे पत्थर लगाकर रोकने की कोशिश की, मगर तब तक ट्रेन स्पीड पकड़ चूकी थी । इसे रोकने के लिए पठानकोट सहित आगे के स्टेशनों पर अलर्ट कर दिया गया। पठानकोट में भी मालगाड़ी को रोकने कि कोशिश कि गयी लेकिन ट्रेन की स्पीड 100 किमी/घंटा के करीब रहने के कारण कामयाबी नहीं मिली। एहतियात के तौर पर पठानकोट रेलवे स्टेशन पर लाइन को क्लीयर किया गया था।

होशियारपुर के उच्ची बस्सी के पास चढ़ाई होने के कारण मालगाड़ी की गति धीमी हो गई थी ट्रैक पर रेत की बोरियां लगाकर 9.15 बजे मालगाड़ी को किसी तरह उच्ची बस्सी में रोका जा सका।


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