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लाल बहादुर शास्त्री महाविद्यालय हल्दुचौड़ के प्रोफेसर को पोक्सो एक्ट से दोष मुक्त किया

थाना लाल कुआं में लाल बहादुर शास्त्री महाविद्यालय में पढ़ने वाली बीए द्वितीय सेमेस्टर की छात्रा के पिताजी द्वारा मुलजिम अभियुक्त प्रोफेसर जीके गौतम के ऊपर आरोप लगाते हुए दिनांक 24 सितंबर 2021 को थाना लाल कुआं में तहरीर दिया गया। जिसमें अभियुक्त के ऊपर आरोप लगाया गया कि अभियुक्त द्वारा उसकी नाबालिक पुत्री के साथ छेड़खानी फोन में वार्तालाप की गई, जिस पर थाना पुलिस लाल कुआं द्वारा अभियुक्त प्रोफेसर जीके गौतम को दिनांक 24 सितंबर 2021 को गिरफ्तार कर जेल में निरुद्ध किया गया।

जहां पर 2 दिन तक अभियुक्त को जेल में रहना पड़ा पूरी विवेचना के बाद विवेचक द्वारा अभियुक्त जेके गौतम के ऊपर अंतर्गत धारा 354 को 354 को 11 / 12 पोक्सो अधिनियम का आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया। अभियोजन की ओर से कुल मिलाकर आठ गवाह और उसके समर्थन में 9 दस्तावेजों को न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। अभियोजन का पुरा वाद मोबाइल में फोन करने के संबंध में था जिस पर मोबाइल रिकॉर्डिंग में किसी भी प्रकार का कोई अश्लील वार्तालाप एवं डायरेक्ट इनडायरेक्ट रूप से पीड़िता के साथ कोई घटना ना पाए जाने के उपरांत भी गिरफ्तार करता विवेचक उप निरीक्षक गुरमिंदर सिंह द्वारा सम्मानित पद पर विराजमान प्रोफेसर को गिरफ्तार करने जांच अधिकारी उप निरीक्षक रजनी आर्य द्वारा आरोप पत्र को न्यायालय में प्रेषित करने पर अपने आदेश में सख्त टिप्पणी किया कि बिना मोबाइल में अभियुक्त द्वारा कोई अश्लील बातें न होने के उपरांत भी विवेचन द्वारा सम्मानित पद पर विराजमान अभियुक्त को गिरफ्तार कर उसके विरुद्ध आरोप पत्र प्रेषित किया गया। जिसमे दोनों उपनिरीक्षक की भूमिका को पूर्णता संदेहसपद होने का कथन निर्णय में किया गया।

न्यायालय द्वारा अपने निर्णय में सख्त तल्खी करते हुए किसी भी छात्र का अपनी शिक्षक के प्रति बिना कारण के इस तरह का आरोप लगाना एक सभ्य समाज के लिए घातक है केवल पीड़िता द्वारा महाविद्यालय द्वारा दिए गए समय के अवधि में असाइनमेंट जमा ना करने को लेकर झूठे तथ्यों के आधार पर प्रोफेसर अभियुक्त जयचंद गौतम पर आरोप लगाना एक सभ्य समाज के लिए घातक है।

किसी शिक्षक का भविष्य अनावश्यक अनगर्ल आरोप के तहत खराब नहीं किया जा सकता है। अभियुक्त प्रोफेसर की ओर से पैरवी कर रहे हल्द्वानी बार एसोसिएशन के पूर्व सचिव राजन सिंह मेहरा द्वारा अभियोजन के गवाहूं से की गई प्रति परीक्षा के माध्यम से सारी सच्चाई कोर्ट के सामने रखते हुए जोरदार बहस की गई जिस आधार पर विशेष न्यायाधीश पोक्सो अपर सत्र न्यायाधीश एफसी हल्द्वानी जिला नैनीताल के न्यायाधीश श्री नंदन सिंह द्वारा अभियुक्त को दोष मुक्त किया गया।


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