Spread the love

उत्तराखंड क्रांति दल ने किया कृषि विश्वविद्यालय पंतनगर को नगर पालिका में शामिल किये जाने पर किया विरोध दर्ज

कृषि विश्वविद्यालय पंतनगर को नगर पालिका में यदि किया गया शामिल, तो दी उग्र आन्दोलन की  चेतावनी

पंतनगर/ रुद्रपुर: उत्तराखंड क्रांति दल (यूकेडी) के केंद्रीय उपाध्यक्ष आनंद सिंह असगोला और जिलाध्यक्ष एमसी पांडेय ने जिलाधिकारी से मिलकर पंतनगर विश्वविद्यालय को नई नगर पालिका में शामिल किये जाने के सम्बन्ध में ज्ञापन सौंपा। जिसमें कहा कि नगला नगर पालिका में पंतनगर विवि को मिलाए जाने से विवि सहित शांतिपुरी, जवाहरनगर और बिंदुखत्ता के लोग नाराज हैं। यह लोग विवि को नगरपालिका में शामिल नहीं करने के लिए यूकेडी का साथ देने को तैयार हैं।

आनंद सिंह असगोला ने कहा कि राज्य में नगर निकाय चुनावों की तैयारी की जा रही है जिसमें उत्त्तराखंड सरकार के शहरी विभाग द्वारा नगला से हल्दी तक विश्व स्तरीय उच्च शिक्षण संस्थान कृषि विश्वविद्यालय पंतनगर को भी सम्मलित करते हुए 20 वार्डों के साथ नई नगर पालिका नगला बनाई गई है जिसके चुनावों की तैयारी विश्वविद्यालय परिसर में जोरों से चल रही है जिसमें से लगभग 15 वार्ड विश्वविद्यालय पंतनगर के क्षेत्र में आते है या यूं कहे की उच्च शिक्षण संस्थान कृषि विश्वविद्यालय पंतनगर ही नगर पालिका बनी हो।

उन्होंने कहा कि पूर्व विधायक पृथक राज्य आंदोलन के समय विरोधी रहे हैं और उन्होंने उसी विरोधी मानसिकता के चलते गुपचुप तरीके से विवि को नगरपालिका में शामिल करवाकर अधिशासी अधिकारी का तबादला भी करवा दिया है। ताकि असलियत किंसी को पता न चल सके। विवि का आस्तित्व छिन्न भिन्न हो जाए और उनके कलेजे में ठंडक पड़े। विद्यार्थी छात्रावासों में रहते हैं, जबकि मतदाता सूची में उनके नाम हास्टल कालोनियों में दिखाएं गए हैं। यह अधिशासी अधिकारी की ओर से जानबूझकर किया गया है। उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग किया है। यदि सरकार विवि को नगला नगरपालिका से अलग नहीं करती है, तो क्षेत्रीय दल यूकेडी अपना प्रत्याशी नहीं यहां से निकाय चुनाव में नहीं उतारेगी। जो दल विवि विरोधी है, वह अपना प्रत्याशी लड़ा सकतीं हैं।

उनके द्वारा कहा गया कि पंतनगर विवि का विश्व में कृषि शिक्षा क्षेत्र अग्रणी नाम है। यहां देश भर से ही नहीं अन्य देशों से भी विधार्थी पठन-पठान और शोध के लिए आते हैं। छात्र ही देश का भविष्य हैं और यदि देश के भविष्य से छेड़छाड़ की जाएगी, तो भविष्य में अच्छे राष्ट्र रक्षक कैसे मिल पाएंगे। ऐसे में किसी भी प्रकार से छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ नहीं किया जा सकता है। सरकार को हर हाल में अपना निर्णय बदलना चाहिए। उन्होंने कहा कि

जिलाध्यक्ष उक्रांद एमसी पांडेय ने कहा कि पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय का अपने आप में हिमालय की तरह राष्ट्रीय एवं अंतराष्ट्रीय स्तर पर अपना एक नाम है जो कृषि के क्षेत्र में विश्व में जाना जाता है और देश का प्रथम कृषि विश्वविद्यालय है यदि इसकी विशालता को इस तरह नगर पालिका से आच्छादित किया जायेगा तो इससे विश्वविद्यालय की ख्याति पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ेगा फिर विश्व विख्यात हरित क्रांति की जननी पंडित गोविन्द बल्लभ पंत कृषि एवं प्रोधोगिक विश्वविद्यालय पंतनगर की स्थापना का मूल उद्देश्य समाप्त हो सकता है इतना ही नहीं फिर पठन-पठान शोध प्रशासनिक कार्यों एवं अनुकूल वातावरण इत्यादि में प्रभाव पड़ेगा तथा इससे उत्तराखंड राज्य के ही नहीं अपितु देश के विभिन्न राज्यों तथा अन्य देशों से आने वाले विधार्थियों का भी विश्वविद्यालय में प्रवेश में रूचि कम हो सकती है जिससे विश्वविद्यालय की छवि ख़राब हो सकती हैं।


Spread the love