न्यायालय ने चोरी की योजना बनाते हुए पकड़े गये अभियुक्तों को किया दोषमुक्त
संक्षेप में कथानक इस प्रकार है कि दिनांक 7 नवम्बर 2018 की रात्रि 10:00 बजे पुलिस द्वारा शुभम् वाल्मिक और मनीष गुप्ता को चोरी की योजना बनाते हुए गिरफ्तार किया था जिसमें विवेचना उपरांत आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया गया।
न्यायालय में गवाहों की गवाही होने के उपरांत न्यायालय ने पाया कि नक़्शा नजरी और घटना को लेकर कई तथ्य स्पष्ट नहीं हैं तथा धारा 401 IPC के कारक भी साबित नहीं हैं व कई अन्य विधिक कमियाँ हैं।साथ ही अभियुक्तों का आपराधिक इतिहास भी पुलिस ने पेश नहीं किया है।
न्यायालय ने माना कि अपने मामले को साबित करने में अभियोजन विफल रहा है जिस कारण न्यायालय ने अभियुक्तों को संदेह का लाभ प्रदान करते हुए दोषमुक्त कर दिया।
मामले की पैरवी अधिवक्ता अनिल कनौजिया द्वारा की गयी उन्होंने बताया की आपराधिक मामलों में सरकारी पक्ष को अपने मामले को सन्देह से रहित और स्पष्ट: साबित किया जाना आवश्यकिय है अन्यथा उसका लाभ अभियुक्त को मिलेगा।
