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नानकमत्ता गुरुद्वारे के डेरा प्रमुख बाबा तरसेम सिंह हत्याकांड

श्री गुरुद्वारा प्रबंध कमेटी प्रधान आये शक के घेरे में, मुकदमा दर्ज

आधार कार्ड से हुई हत्यारों की पहचान

19 मार्च गुरुद्वारा स्थित कमरा नंबर 23 में रुके थे हत्यारे

उधमसिंह नगर। नानकमत्ता गुरुद्वारे के डेरा प्रमुख बाबा तरसेम सिंह की हत्या में एक पूर्व आईएएस समेत 5 लोगों के खिलाफ मुक़दमा दर्ज कर लिया गया है। डेरा सेवक ने श्री गुरुद्वारा प्रबंध कमेटी के प्रधान पूर्व आईएएस हरबंश सिंह चुघ, बाबा अनूप सिंह और तराई महासभा के उपाध्यक्ष प्रीतम सिंह को नामजद कराते हुए मुकदमा दर्ज कराया है। इस हत्याकांड के खुलासे के लिए उत्तराखंड के तेज तर्रार पुलिस अफसरों को जिम्मेदारी सौपी गई है। शुक्रवार को कड़ी सुरक्षा के बीच बाबा का अंतिम संस्कार कर दिया गया।

डीजीपी अभिनव कुमार भी नानकमत्ता पहुंच गए है। उन्होंने दावा किया कि हत्याकांड का शीघ्र खुलासा कर लिया जाएगा, हत्यारे बहुत जल्द सलाखों के पीछे होंगे। इस मामले में गुरुद्वारे के सेवादार जसवीर सिंह ने बाबा तरसेम सिंह के हमलावर सर्वजीत सिंह पुत्र स्वरूप सिंह निवासी तरनतारन पंजाब और अमरजीत सिंह पुत्र सुरेंद्र सिंह निवासी सिहोरा बिलासपुर यूपी, घटना की साजिश में पूर्व आईएएस और गुरुद्वारा प्रबंध कमेटी के अध्यक्ष हरवंस चुघ, तराई सिख संघ के अध्यक्ष प्रीतम सिंह संधू निवासी खेमपुर गदरपुर और बाबा अनूप सिंह निवासी नवाबगंज खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज करायी है।

डीजीपी अभिनव कुमार ने  सिख संगत के साथ बैठक कर घटना पर दुख जताया। उन्होंने कहा कि दोनों हमलावर चिन्हित किए जा चुके हैं। हत्यारों की पहचान गुरुद्वारे में पनाह के लिए दिए आधार कार्ड से हुई। 19 मार्च से गुरुद्वारा स्थित भाई मरदाना यात्री निवास नानकमत्ता के कमरा नंबर 23 में बाइक सवार हत्यारे रुके थे। एक ने यात्री निवास रजिस्टर में आधार संख्या दर्ज कराया था, जिसमें उसका नाम सर्वजीत सिंह निवासी मिया विंड तरनतारन, पंजाब व मोबाइल नंबर है। दूसरा अमरजीत सिंह उर्फ बिट्टू उर्फ गंडा सिहोरा बिलासपुर था। 26 मार्च को दोनों को डेरे में देखा गया था और 28 मार्च को हत्याकांड की वीडियो में दिखे। घटना के पीछे क्या मोटिव रहा, इसका पता लगाकर जो अन्य लोग पीछे हैं उनकी भी गिरफ्तारी शीघ्र की जाएगी।

बता दे कि बाबा तरसेम सिंह की गुरुवार सुबह बाइक सवार दो शूटर्स ने हत्या कर दी थी। दोनों बाइक से बाबा के पास पहुंचे और पीछे बैठे शूटर ने दो गोलियां मार दी। आवाज सुनकर कार सेवक आया तो शूटर ने उन पर भी फायर किया। वह बच गए और गोली हॉल की दीवार में जाकर धंस गई। बाबा की हत्या करने वाले दोनों आरोपियों की पहचान हो गई है। कारसेवक जसवीर के दर्ज कराए मुकदमे के मुताबिक ने बाबा की हत्या को ग्राम मियामिंड जिला तरनतारन, पंजाब निवासी सर्वजीत सिंह और अमरजीत सिंह उर्फ बिट्ट उर्फ गंडा के ग्राम सिहोरा बिलासपुर (रामपुर) ने अंजाम दिया।


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