शातिर ‘सुटेरी दुल्हन’ गिरफ्तार: शादी का झांसा देकर युवकों से लाखों की ठगी
वकील से लेकर ब्रांड एंबेसडर तक, सब कुछ था झूठ
उधमसिंह नगर। उत्तराखंड पुलिस ने एक ऐसे हाई-प्रोफाइल ठगी नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है, जिसमें एक महिला वर्षों से पहचान बदल-बदल कर युवकों को प्रेमजाल में फंसाकर ठगी कर रही थी। आरोपी महिला हिना रावत को काशीपुर से गिरफ्तार किया गया है, जो खुद को कभी हाईकोर्ट की वकील, कभी नामी कॉन्ट्रेक्शन कंपनी की ठेकेदार, तो कभी एक पान मसाला ब्रांड की ब्रांड एंबेसडर बताकर लोगों को अपना शिकार बनाती थी।
पुलिस के मुताबिक, हिना रावत की गिरफ्तारी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) मणिकांत मिश्रा के नेतृत्व में की गई। महिला ने मेट्रोमोनियल साइटों पर खुद को पेशेवर और अविवाहित बताकर युवाओं से संपर्क किया और भावनात्मक संबंध बनाकर उन्हें शादी का झांसा देती रही। इसके बाद शुरू होता था उसका असली खेल — मानसिक उत्पीड़न, ब्लैकमेलिंग और लाखों रुपये की उगाही।
यह मामला तब सामने आया जब रुद्रपुर निवासी दीपक कक्कड़ ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। दीपक ने बताया कि हिना रावत ने खुद को हाईकोर्ट की वकील बताकर उससे संपर्क साधा। दोनों के बीच नज़दीकियां बढ़ीं और बात शादी तक पहुँच गई। शादी के बाद हिना दीपक के घर में रहने लगी और पूरे परिवार को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने लगी। लगातार पैसों की मांग और आत्महत्या की धमकी देकर वह दीपक को ब्लैकमेल करती रही।
दीपक की शिकायत पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए एक जाल बिछाया और आरोपी को उस समय रंगे हाथों गिरफ्तार किया, जब वह दीपक से फिरौती के तौर पर ₹50,000 वसूलने आई थी। गिरफ्तारी के समय महिला एक नवविवाहिता की भूमिका में थी — हाथों में मेहंदी, चूड़ा और माथे पर सिंदूर था, जिससे कोई भी धोखा खा सकता था।
पूछताछ में हिना रावत ने कबूल किया कि वह भारत छोड़कर विदेश भागने की योजना बना रही थी और इसके लिए 30 लाख रुपये जुटाने की कोशिश कर रही थी। उसने यह भी बताया कि वह निकिता, अंकिता, कृति और स्वाति जैसे नामों का उपयोग कर कई लोगों को अपने जाल में फंसा चुकी है। पुलिस जांच में सामने आया कि उसके खिलाफ उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के कई थानों में 18 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें ठगी, ब्लैकमेलिंग, धमकी और फर्जी दस्तावेज तैयार करना शामिल है।
एसएसपी मणिकांत मिश्रा ने बताया कि हिना रावत अकेले काम नहीं कर रही थी। उसके साथ एक संगठित गिरोह भी काम करता था जो उसे फर्जी दस्तावेज उपलब्ध कराता था,
