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हल्द्वानी में वर्चुअल रजिस्ट्री के खिलाफ दस्तावेज लेखकों का बड़ा विरोध, रजिस्ट्री दफ्तर में धरना

हल्द्वानी: हल्द्वानी में वर्चुअल रजिस्ट्री के खिलाफ दस्तावेज लेखकों, अरायज नवीसों, स्टांप विक्रेताओं और अधिवक्ताओं ने सोमवार से रजिस्ट्री दफ्तर में जोरदार धरना शुरू कर दिया है। यह आंदोलन ऑनलाइन रजिस्ट्री प्रक्रिया के खिलाफ है, जिसे लेकर इन पेशेवरों में गहरी नाराजगी देखी जा रही है।

धरने पर बैठे आंदोलनकारियों का कहना है कि वर्चुअल रजिस्ट्री की शुरुआत से हजारों स्टांप विक्रेता, दस्तावेज लेखक और अधिवक्ता बेरोजगार हो जाएंगे। इनका आरोप है कि ऑनलाइन रजिस्ट्री प्रक्रिया के तहत रजिस्ट्री शुल्क अब ई-चालान से जमा किया जाएगा, जिससे उनकी रोजी-रोटी प्रभावित होगी।

आंदोलनकारियों ने यह भी कहा कि वर्तमान व्यवस्था के तहत ही रजिस्ट्री प्रक्रिया जारी रहनी चाहिए, क्योंकि स्टांप विक्रेताओं के माध्यम से ही स्टांप की बिक्री होती है। वे चाहते हैं कि जमीनों की रजिस्ट्री अब भी पहले की तरह दस्तावेज लेखकों और स्टांप विक्रेताओं के माध्यम से की जाए, ताकि उनका रोजगार सुरक्षित रहे।

धरने में भाग लेने वाले वक्ताओं ने यह भी आरोप लगाया कि यूसीसी (यूनिफाइड कम्यूनिटी कोड) का अधिकांश कार्य पहले दस्तावेज लेखकों और अधिवक्ताओं द्वारा किया जाता था, लेकिन अब इसे सीएससी (कॉमन सर्विस सेंटर) के माध्यम से स्थानांतरित कर दिया गया है। इसके कारण उनके पेशेवर काम पर असर पड़ रहा है।

आंदोलनकारी इसे एक पेपरलेस योजना के रूप में देख रहे हैं और मांग कर रहे हैं कि दस्तावेज लेखकों, अरायज नवीसों और अधिवक्ताओं को विश्वास में लेकर ही ऑनलाइन रजिस्ट्री और पेपरलेस योजना लागू की जाए। उनका कहना है कि रजिस्ट्री के अलावा इन पेशेवरों का कोई अन्य आय का साधन नहीं है, और अगर इस व्यवस्था को लागू किया गया तो उनका जीवन यापन मुश्किल हो जाएगा।

साथ ही, इन पेशेवरों ने यह भी मांग की कि यूसीसी के विवाह रजिस्ट्रेशन और अन्य रजिस्ट्रेशन रजिस्ट्री दफ्तर के माध्यम से ही किए जाएं, जैसा पहले किया जाता था।


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