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विधानसभा बर्खास्तगी जानिए क्या है मामला

2014 तक हुई तद्भव नियुक्त कर्मचारियों को 4 वर्ष से कम की सेवा में नियमित नियुक्ति

27, 28 व 29 सितंबर 2022 को हटाए गए कर्मचारियों को ६ वर्ष सेवा के बाद भी नियमित नियुक्ति क्यों नहीं

 

 

नैनीताल हाई कोर्ट नैनीताल ने विधानसभा सचिवालय से बर्खास्त कर्मचारियों के मामले में मंगलवार को सुनवाई की जो बुधवार को भी हो जारी रहेगी न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की एकल पीठ में सुनवाई के दौरान सचिवालय कर्मचारियों की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिकारी अधिवक्ता डीडी कामथ, पूर्व महाधिवक्ता वीवीएस नेगी व रविन्द्र बिष्ट ने पैरवी की। मामले के अनुसार अपनी बर्खास्तगी के आदेश को बबीता भंडारी, भूपेंद्र सिंह बिष्ट, कुलदीप सिंह व 102 अन्य ने एकल पीठ में चुनौती दी है।याचिकाओं में कहा गया है की विधानसभा अध्यक्ष के द्वारा लोकहित को देखते हुए उनकी सेवाएं 27, 28 व 29 सितंबर 2022 को समाप्त कर दी गई। बर्खास्तगी आदेश में उन्हें किस आधार पर किस वजह से हटाया गया कहीं इसका उल्लेख नहीं किया गया। न हीं उन्हें सुना गया।जबकि उनके द्वारा सचिवालय में नियमित कर्मचारियों की भांति कार्य किया गया। याचिकर्ताओं ने कहा है कि 2014 तक हुई तद्भव नियुक्त कर्मचारियों को 4 वर्ष से कम की सेवा में नियमित नियुक्ति दे दी गई किंतु उन्हें 6 वर्ष के बाद भी नियमित नहीं किया। अब उन्हें हटा दिया गया पूर्व में उनकी नियुक्ति को 2018 में जनहित याचिका दायर का चुनौती दी गई थी। जिसमें कोर्ट ने उनके हित के आदेश देकर माना था कि उनकी नियुक्ति वैध है।


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