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ईरान पर अमेरिका का बड़ा हमला, तीन परमाणु ठिकाने तबाह

अमेरिका ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला किया (प्रतीकात्मक फोटो) (IANS)
(प्रतीकात्मक फोटो) (IANS)

वॉशिंगटन/तेहरान। मध्य पूर्व में तनाव एक नई ऊंचाई पर पहुंच गया है। अमेरिका ने शुक्रवार रात ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों – फोर्डो, नतांज और इस्फहान – पर हवाई हमले कर उन्हें भारी नुकसान पहुंचाया। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए हमले की पुष्टि की और इसे “पूरी तरह सफल” बताया।

हमले बी-2 स्टील्थ बॉम्बर विमानों की मदद से किए गए, जो विशेष रूप से भूमिगत ठिकानों को नष्ट करने के लिए डिज़ाइन किए गए ‘बंकर बस्टर’ बम ले जाने में सक्षम हैं। राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि अमेरिका का उद्देश्य ईरान की परमाणु संवर्धन क्षमता को खत्म करना और क्षेत्रीय व वैश्विक सुरक्षा सुनिश्चित करना है।

अमेरिका ने फोर्डो और नतांज जैसे अत्यधिक संवेदनशील परमाणु स्थलों को प्रमुख निशाना बनाया। फोर्डो एक भूमिगत यूरेनियम संवर्धन केंद्र है, जबकि नतांज संयंत्र पहले से ही इजरायली हमलों की चपेट में था। माना जा रहा है कि इस्फहान के पास स्थित तीसरी साइट में हथियार-ग्रेड यूरेनियम का भंडार था।

यह हमला 1979 की ईरानी क्रांति के बाद पहली बार है जब अमेरिकी वायु सेना ने ईरान के भीतर सीधे तौर पर ऐसे संवेदनशील ठिकानों को निशाना बनाया है। इस कदम के साथ अमेरिका अब इजराइल-ईरान संघर्ष में खुलकर शामिल हो गया है। युद्ध की यह स्थिति 13 जून को शुरू हुई थी, जब इजराइल ने ऑपरेशन “राइजिंग लॉयन” के तहत ईरानी ठिकानों पर बमबारी की थी। इसके जवाब में ईरान ने “ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस 3” शुरू किया।

हमले के बाद राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा, “अब शांति का समय है। अमेरिका ने यह कदम दुनिया को परमाणु आतंक से बचाने के लिए उठाया है।” हालांकि, क्षेत्रीय विशेषज्ञ मानते हैं कि यह टकराव अब व्यापक युद्ध की ओर बढ़ सकता है।


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