मूल निवास प्रमाण-पत्र धारकों के लिए अब स्थाई निवास प्रमाण पत्र बनाने की बाध्यता खत्म
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों में सचिव श्री विनोद सुमन की ओर से किये गए आदेश जारी
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों के क्रम में सचिव श्री विनोद सुमन की ओर से आज इस संबंध में आदेश जारी किए हैं राज्य में मूल निवास प्रमाण पत्र धारकों को स्थाई निवास प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने के लिए विभाग अब बाध्य नहीं कर पाएंगे। अभी तक राज्य में सेवायोजन, शैक्षणिक संस्थाओं, प्रदेश में अन्य विभिन्न कार्यों हेतु उत्तराखंड के मूल निवास प्रमाण पत्र धारकों को संबंधित विभागों, संस्थाओं व संस्थानों द्वारा स्थाई निवास प्रमाण पत्र बाध्य किया जा रहा है, जबकि इस सम्बन्ध में सामान्य प्रशासन विभाग के शासनादेश संख्या 60 / CM / xxxi (13) G /07-87(3)/2007 दिनांक 28 सितम्बर 2007 के द्वारा मूल निवास प्रमाण पत्र धारकों के लिये स्थायी निवास प्रमाण पत्र की आवश्यकता न होने के सम्बन्ध में स्पष्ट निर्देश ही दिये गये थे।
सचिव विनोद कुमार सुमन ने आज इस संबंध में आदेश जारी करते हुए बताया इन प्रयोजनों के लिये मूल निवास प्रमाण पत्र धारकों को स्थाई निवास प्रमाण पत्र प्रस्तुत किये जाने हेतु बाध्य न किया जाए। उन्होंने कहा कि उक्त आदेशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाए।
मूल निवास को लेकर उत्तराखंड के तमाम संगठनों ने 24 दिसंबर को देहरादून में मूल निवास स्वाभिमान रैली बुलाई है। इसको जनमानस की भावना से जोड़ने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया जा रहा है। उत्तराखंड के प्रसिद्ध लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी भी वीडियो संदेश जारी कर इससे जुड़ने की अपील कर रहे हैं।लोकसभा चुनाव से पहले उत्तराखंड में मूल निवास का मुद्दा जोर शोर से उठने लगा है। ऐसे में आंदोलन से पहले सीएम धामी के इस फैसले से मुहिम पर असर पड़ना तय माना जा रहा है।
