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राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी ने उत्तराखंड में बिजली चोरी की जांच की मांग की, ईडी और सीबीआई से कराए जांच

देहरादून: राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से रुड़की और काशीपुर सर्कल के अंतर्गत स्थापित स्टील फैक्ट्रियों में हो रही बिजली चोरी की जांच के लिए ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) और सीबीआई से कार्रवाई की मांग की है।

देहरादून प्रेस क्लब में आयोजित प्रेस वार्ता में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवप्रसाद सेमवाल ने कहा कि उत्तराखंड में रुड़की और काशीपुर सर्कल के स्टील फैक्ट्रियों में हर महीने 5 करोड़ यूनिट बिजली चोरी हो रही है, जिसका मूल्य लगभग 40 करोड़ रुपये है। इस चोरी के कारण सालाना 500 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है, जिससे ईमानदारी से काम करने वाली अन्य फैक्ट्रियों और आम उपभोक्ताओं को महंगे बिजली बिलों का बोझ उठाना पड़ रहा है।

उन्होंने कहा कि यह सरासर अन्याय है और यदि इस मामले में कार्रवाई नहीं की गई तो पार्टी कार्यकर्ता सड़कों पर उतरकर उग्र आंदोलन करेंगे। पार्टी ने इस संबंध में प्रधानमंत्री कार्यालय, सीबीआई और ईडी को भी शिकायत भेजी है।

चोरों की मौज, फैक्ट्रियां बंदी के कगार पर

शिवप्रसाद सेमवाल ने आरोप लगाया कि बिजली चोरी के कारण प्रदेश की ईमानदार फैक्ट्रियां बंद हो रही हैं, जबकि ऊर्जा निगम की मिलीभगत से चोरी करने वाली फैक्ट्रियां उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों से अपना काम समेट कर उत्तराखंड में अपना कारोबार बढ़ा रही हैं। उन्होंने कहा कि इन फैक्ट्रियों ने बड़ी संख्या में भट्टियां स्थापित की हैं, लेकिन बिजली बिल सिर्फ एक फर्नेस का ही दिखाया जाता है, जबकि बाकी फर्नेस चोरी की बिजली से चलते हैं।

रुड़की और काशीपुर सर्कल में लाइन लॉस 65% से 70% तक है, जिससे उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त बोझ बढ़ रहा है। इन फैक्ट्रियों का गलत फायदा उठाकर वे सस्ती दरों पर तैयार माल बेच रही हैं, जबकि ईमानदारी से काम करने वाली फैक्ट्रियां महंगे कच्चे माल के कारण नुकसान उठाने को मजबूर हैं।

ईडी और सीबीआई से जांच की मांग

राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी की प्रदेश अध्यक्ष सुलोचना ईष्टवाल ने मांग की कि मुख्यमंत्री और ऊर्जा मंत्री उच्च स्तरीय समिति का गठन करें, ताकि रुड़की और काशीपुर सर्कल की स्टील फैक्ट्रियों में हो रही बिजली चोरी की जांच की जा सके। उन्होंने कहा कि इस जांच में यह स्पष्ट हो जाएगा कि कितनी भट्टियों का बिजली बिल जमा किया जाता है और कितनी भट्टियां वास्तव में चोरी की बिजली से चल रही हैं।

सरकार की नीतियों में सुधार की आवश्यकता

पार्टी के जिलाध्यक्ष देवेंद्र सिंह गुसांई ने कहा कि सरकार औद्योगिक प्रदेश बनाने के बड़े दावे करती है, लेकिन नीतियों में सुधार की आवश्यकता है। उन्होंने आरोप लगाया कि उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन के उच्च स्तर के अधिकारी और राजनीतिक शह देने वाले लोग भी इस मामले में शामिल हैं।

चार सूत्रीय मांगें

  1. रुड़की और काशीपुर सर्कल के औद्योगिक क्षेत्रों में हो रही बिजली चोरी की जांच ईडी और सीबीआई से कराई जाए।

  2. उत्तर प्रदेश सरकार की नीति का अनुसरण करते हुए बिजली का टैरिफ कम से कम 3 रुपये प्रति यूनिट घटाया जाए।

  3. लाइन लॉस कम किया जाए।

  4. विद्युत उत्पादन में लगी कंपनियों से एक रुपये प्रति यूनिट royalty, cess और water tax की वसूली तत्काल रद्द की जाए।

राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी ने चेतावनी दी है कि यदि उपरोक्त मांगों पर कार्रवाई नहीं की जाती और जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्यवाही नहीं होती, तो पार्टी सड़कों पर उतरकर इसका उग्र विरोध करेगी। पार्टी ने सरकार को 15 दिन का समय दिया है, यदि इस दौरान उचित कार्रवाई नहीं की गई तो राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी इसका विरोध करेगी।

राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवप्रसाद सेमवाल, प्रदेश अध्यक्ष सुलोचना ईष्टवाल, प्रदेश संगठन सहसचिव राजेंद्र गुसाई, जिलाध्यक्ष देवेंद्र सिंह गुसांई, दयाराम मनोरी, विनोद झिकंवाण, आर के जुगरान, नवीन पंत, शांति चौहान, रजनी कुकरेती आदि पदाधिकारी और पार्टी कार्यकर्ता।


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