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दानपुर क्षेत्र में माँ आदिबद्री धाम की उपजात यात्रा प्रारंभ, आस्था और परंपरा का अलौकिक संगम

संवाददाता सीमा खेतवाल

बदियाकोट, दानपुर (उत्तराखंड): माँ आदिबद्री धाम, बदियाकोट दानपुर में प्रत्येक वर्ष आयोजित होने वाली माँ भगवती जगदम्बा की उपजात यात्रा (लोकजात यात्रा) का शुभारंभ पारंपरिक श्रद्धा, विधि-विधान और पौराणिक परंपराओं के साथ किया गया। यह यात्रा छली दाणू (छली बुबू) एवं बलि दाणू (बलि बुबू) देवताओं के वंशज बारह बदकोटी दाणू देवताओं की माँ जगदम्बा के आदेश अनुसार सदियों से चली आ रही दिव्य परंपरा का हिस्सा है।

यात्रा से पूर्व, देवधामी, देवता एवं डांगरगण अखंड ज्योत जलाकर 90 दिनों तक मां की आराधना, साधना एवं तपस्या करते हैं। इसके पश्चात विशेष पारंपरिक वेशभूषा में, नंगे पाँव श्रद्धालु अत्यंत कठिन हिमालयी शिखरों की ओर, देवी कुंड तक यह यात्रा प्रारंभ करते हैं। यह समस्त प्रक्रिया पूरी आस्था, निष्ठा और धार्मिक अनुशासन के साथ सम्पन्न होती है।

इस महायात्रा के दौरान समस्त क्षेत्रवासी, जो माँ भगवती की कृपा से देवतुल्य माने जाते हैं, पूजा अर्चना, आयोजन एवं यात्रा प्रबंधन को पूरे समर्पण भाव से निभाते हैं।

माँ भगवती बदियाकोट की यह उपजात यात्रा न केवल दानपुर परगना के 14 पट्टियों की धार्मिक चेतना का प्रतीक है, बल्कि दानू वंशावली की सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और ऐतिहासिक विरासत का भी एक जीवंत उदाहरण है। यह यात्रा जनमानस की आस्था, लोक परंपराओं और संस्कृति का अनुपम संगम है, जो समूचे क्षेत्र को आध्यात्मिक ऊर्जा और श्रद्धा से ओतप्रोत कर देती है।


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