उठापटक और कशमकश के बीच दीपक बल्यूटिया ने कहा कांग्रेस को अलविदा
पहले ही कर दी थी त्याग पत्र कि पेशकश
पार्टी के जमीनीं कार्यकर्ता को नजरंदाज करने से है नाराज
हल्द्वानी। लोकसभा चुनाव में टिकट की अनदेखी के चलते कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता दीपक बल्यूटिया ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा उत्तराखंड कांग्रेस प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा और प्रदेश अध्यक्ष करन मेहरा को दे दिया है। गौरतलब है कि कांग्रेस पार्टी ने कांग्रेस पार्टी से पूर्व राष्ट्रीय सचिव प्रकाश जोशी को नैनीताल ऊधमसिंह नगर लोकसभा सीट से अपना प्रत्याशी बनाया है। सूत्रों की मानें तो कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता दीपक लोकसभा चुनाव में नैनीताल-ऊधम सिंह नगर सीट से टिकट न मिलने से काफी नाराज हैं।
17 साल की उम्र से कांग्रेस के सिपाही रहे दीपक बल्यूटिया का परिवार देश की आजादी की समय से कांग्रेस से जुड़ा रहा है। इससे पहले दीपक यूथ कांग्रेस में जिलाध्यक्ष और प्रदेश अध्यक्ष के पद पर रह चुके हैं। दीपक बल्यूटिया राज्य के मुद्दों को लेकर समय- समय पर आवाज बुलंद करते रहे हैं।
अपना त्याग पत्र प्रभारी कुमारी शैलजा को सौपने के बाद दीपक बल्यूटिया ने कहा कि बहुत ही भारी मन से व अपनी अंतरात्मा की आवाज से मैं कॉंग्रेस पार्टी से इस्तीफा देने के लिए विवश हूँ। कॉंग्रेस के एक वफादार सिपाही होने के नाते 35 वर्षों से लगातार जन सेवा के साथ-साथ जन मुद्दों को उठाता आया हूँ। मैं बेहतर तरीके से समाज की सेवा करना चाहता हूँ।
मेरी प्रेरणा रहे उत्तराखण्ड के प्रिय नेता विकास पुरुष स्व० नारायण दत्त तिवारी के आदर्शों में चलकर उनके विकास के साथ-साथ उनकी विरासत को आगे लेजाकर समाज की सेवा करना चाहता रहा हूँ, लेकिन कॉंग्रेस में एक ऐसे विद्यार्थी की तरह महसूस करता हूँ जिसने बहुत मेहनत करी पर उसे कभी भी इम्तेहान में नहीं बैठने दिया गया और प्रतिभा का या। मुझे मेरे उन साथियों के लिए बहुत पीढ़ा है जो मेरे साथ निःस्वार्थ भाव से जुड़े हैं और मेरे साथ मिलकर संघर्ष करते आए हैं। अपनी क्षमता व अपने संसाधनों के अनुसार मेरी पूर्ण कोशिश रही है कि यथा शक्ति जन सेवा करूँ व जन मुद्दों को जानता व सरकार सम्मुख रखूँ।
मेरा मानना है कि एक संवैधानिक मुकाम में पहुँचकर जनता की बेहतर सेवा की जा सकती है लेकिन कॉंग्रेस पार्टी द्वारा अवसर देने की बजाय हर समय अनदेखी की गई। जब कोई भी पार्टी का जमीनीं कार्यकर्ता जमीन पर पार्टी के लिए काम करता हो और पार्टी के शीर्ष नेता आपके किए संघर्ष व कार्य को सम्मान करने की बजाय आपको नजरंदाज करें तो बहुत पीड़ा होती है। पार्टी में तमाम गतिरोध व मनोबल गिराने के बावजूद निरन्तर कार्य करना आसान नहीं है बावजूद इसके 35 वर्षों से एक कर्मठ कार्यकर्ता व वफादार सिपाही की तरह सेवा करता रहा हूँ।
