हाईकोर्ट से नहीं मिली राहत, जमानत से अभी दूर अब्दुल मलिक और साथी
नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने हल्द्वानी के बनभूलपुरा हिंसा मामले में आरोपी अब्दुल मलिक, अब्दुल मोईद सहित 20 लोगों की जमानत याचिकाओं पर सुनवाई की। न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ ने सभी आरोपियों को फिलहाल कोई राहत नहीं देते हुए अगली सुनवाई की तिथि 5 मई निर्धारित की है।
जानकारी के अनुसार, अब्दुल मलिक को पहले ही राजकीय भूमि से संबंधित एक मामले में जमानत मिल चुकी है, जिसमें उन पर शपथ पत्र के माध्यम से झूठे दस्तावेज बनाकर सरकारी जमीन पर कब्जा करने और उस पर प्लॉटिंग व अवैध निर्माण कर बेचने का आरोप है। हालांकि, बनभूलपुरा में हुई हिंसा से जुड़े मामलों में मलिक और अन्य आरोपियों को अब तक जमानत नहीं मिल सकी है।
बनभूलपुरा हिंसा के दौरान मलिक समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ चार अलग-अलग मामले दर्ज किए गए थे। राज्य सरकार की ओर से कोर्ट में प्रस्तुत पक्ष के अनुसार, प्रशासन जब अवैध अतिक्रमण हटाने पहुंचा, तभी हालात बिगड़े और उपद्रवियों द्वारा पथराव शुरू किया गया, जिसके बाद स्थिति ने हिंसक रूप ले लिया। इस हिंसा में सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचा, कई पुलिसकर्मी घायल हुए और कुछ लोगों की जान भी गई।
सरकारी वकील का तर्क था कि यही घटना इस पूरे मामले की जड़ है, और यदि आरोपियों को इस समय जमानत दी जाती है, तो इससे कानून व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए उन्होंने सभी जमानत याचिकाओं को खारिज करने की मांग की।
वहीं, बचाव पक्ष का कहना है कि उनके मुवक्किलों का नाम एफआईआर में नहीं है और उन्हें जबरन इस मामले में फंसाया गया है। उनका यह भी कहना है कि दंगों से जुड़े मामलों में पहले ही कई लोगों को अदालत से जमानत मिल चुकी है, अतः समान न्याय के आधार पर उनके मुवक्किलों को भी राहत दी जानी चाहिए।
