उत्तराखंड में पंचायत चुनाव से पहले बड़ा फैसला, दो से अधिक संतान वालों को मिली राहत
देहरादून, 3 मई 2025 – उत्तराखंड सरकार ने पंचायती राज व्यवस्था को लेकर एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए उत्तराखंड पंचायती राज एक्ट 2016 में संशोधन के प्रस्ताव को विशेष अधिकार (विचलन) से मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा स्वीकृत इस संशोधन के बाद अब 25 जुलाई 2019 से पहले जिन जनप्रतिनिधियों की दो से अधिक जीवित संतानें हैं, वे भी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव लड़ सकेंगे।
इसके साथ ही सरकार ने एकल सदस्यीय समर्पित आयोग की सिफारिशों के आधार पर पंचायतों में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए आरक्षण लागू करने का भी निर्णय लिया है।
प्रदेश में हरिद्वार को छोड़कर सभी जिलों में ग्राम, क्षेत्र और जिला पंचायतों का परिसीमन कार्य पिछले वर्ष ही पूरा किया जा चुका है। इस परिसीमन के तहत:
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55,635 ग्राम पंचायत वार्ड
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7,505 ग्राम पंचायतें
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2,936 क्षेत्र पंचायतें
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343 जिला पंचायतें
में चुनाव कराए जाने हैं। लेकिन निर्धारित समय पर चुनाव न हो पाने के कारण सरकार ने निवर्तमान जनप्रतिनिधियों को प्रशासक नियुक्त कर रखा है। अब चुनाव से पूर्व यह संशोधन आवश्यक था, जिसे मुख्यमंत्री ने मंजूरी प्रदान कर दी है।
पंचायती राज विभाग के सचिव चंद्रेश कुमार यादव ने बताया कि संशोधन प्रस्ताव को मुख्यमंत्री द्वारा स्वीकृति मिल गई है और इसे राजभवन भेज दिया गया है। जैसे ही राज्यपाल की मंजूरी प्राप्त होती है, प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों की अधिसूचना जारी कर दी जाएगी।
यह संशोधन प्रस्ताव पहले कैबिनेट में लाया जाना था, लेकिन कुछ कारणों से ऐसा नहीं हो पाया। अब मुख्यमंत्री द्वारा विशेषाधिकार का प्रयोग करते हुए इस पर अनुमोदन दे दिया गया है।
