Spread the love

जनसुनवाई में आयुक्त रावत का एक्शन मोड: धोखाधड़ी, लिफ्ट हादसे और अतिक्रमण पर त्वरित निर्देश

हल्द्वानी, 3 मई 2025 — शनिवार को आयोजित जनता मिलन कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोग अपनी शिकायतों को लेकर कैम्प कार्यालय पहुंचे। मुख्यमंत्री के आयुक्त/सचिव दीपक रावत ने स्वयं मौके पर पहुंचकर जनसुनवाई की और अधिकांश मामलों का मौके पर समाधान किया। कई गंभीर मामलों में अधिकारियों को त्वरित कार्रवाई के निर्देश भी दिए गएजनसुनवाई में हल्द्वानी निवासी भगीरथी जोशी द्वारा 10 लाख रुपये की धोखाधड़ी का मामला सामने आया। जांच में पता चला है कि इसमें एक चार्टर्ड अकाउंटेंट, बैंक मैनेजर सुनील कुमार, और दिल्ली-गाजियाबाद स्थित ‘फाइनेंस केयर’ कंपनी के प्रमुख अंकुर अग्रवाल शामिल हैं।

चार्टर्ड अकाउंटेंट ने महिला और उनके साथी कन्नू जोशी को बैंक मैनेजर से मिलवाया, जिसके बाद महिला की संपत्ति को ₹2.58 करोड़ में राज किशोर वर्मा को बेच दिया गया। यह सौदा कथित रूप से बैंक लोन के जरिए कराया गया और लोन की राशि को षड्यंत्रपूर्वक सभी पक्षों में बांट लिया गया। आयुक्त रावत ने मामले को गंभीर मानते हुए सभी पक्षों को पूछताछ के लिए बुलाने और दोषियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई के निर्देश दिए।

चंदन डायग्नोसिस भवन में पत्रकारों के लिफ्ट में फंसने की घटना पर आयुक्त ने गंभीर नाराजगी जताई। उन्होंने भवन स्वामी से स्पष्टीकरण और लिफ्ट मेंटेनेंस का पूरा विवरण तलब किया है। साथ ही, जिले के सभी लिफ्ट युक्त भवनों में तकनीकी जांच व ऑपरेटर की तैनाती अनिवार्य करने के निर्देश जिलाधिकारियों को दिए।

राष्ट्रीय खेलों में काम कर चुके लगभग 70 वॉलिंटियर्स ने बताया कि देहरादून की एक फर्म ने अभी तक उन्हें भुगतान नहीं किया है। आयुक्त ने स्पष्ट किया कि संबंधित कंपनी को भुगतान हो चुका है, लेकिन फर्म ने वॉलिंटियर्स को भुगतान नहीं किया। उन्होंने जिला क्रीड़ा अधिकारी को जांच कर फर्म के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए।

एक शिकायतकर्ता ने बताया कि चाय बागान की लीज समाप्त हो चुकी है, बावजूद इसके भवन निर्माण की अनुमति नहीं दी जा रही है। उन्होंने भुगतान की गई राशि वापस दिलाने की मांग की। इस पर आयुक्त ने सभी पक्षों को तलब कर जांच व समाधान कराने का आश्वासन दिया।

जनसुनवाई में भूमि की पैमाइश, संपत्ति से जुड़ी धोखाधड़ी, और पारिवारिक मुआवजा जैसे मामलों को प्रमुखता से सुना गया। कई शिकायतों का मौके पर निस्तारण कर दिया गया।

आयुक्त दीपक रावत ने नगर आयुक्त ऋचा सिंह को शहर में मिलावटखोरों के खिलाफ संयुक्त अभियान चलाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि खाद्य पदार्थों में मिलावट से जनता की सेहत को गंभीर खतरा है। इसके अलावा, मुख्य मार्गों पर बिना पंजीकरण व सत्यापन के लगाए गए ठेलों पर भी सख्ती बरतने को कहा। उन्होंने निर्देश दिए कि बिना निगम पंजीकरण कोई ठेला न लगे और अतिक्रमण की समस्या का स्थायी समाधान किया जाए।


Spread the love