पति की हत्या और फर्जी जमानत का खेल! कोर्ट ने पकड़ा बड़ा फर्जीवाड़ा
नकली दस्तावेजों से जमानत कराने वाले दो जमानती फंसे, आरोपी महिला फिर पहुंची जेल
नैनीताल। पति की हत्या के मामले में फर्जी दस्तावेज़ों के आधार पर जमानत पर रिहा हुई महिला को जिला न्यायालय ने दोबारा न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। कोर्ट ने जमानत के लिए फर्जी दस्तावेज़ प्रस्तुत करने वाले दो आरोपियों के खिलाफ भी कठोर रुख अपनाते हुए उनके विरुद्ध तल्लीताल थाने में मामला दर्ज करने के निर्देश दिए हैं।
कोर्ट में पेश हुई मुख्य आरोपी महिला नीलम चौधरी, निवासी शामिया लेक सिटी, रुद्रपुर को तत्काल हिरासत में लेते हुए जेल भेज दिया गया। वहीं, जिला जज ने न्यायाधीश के पेशकार के माध्यम से तल्लीताल थाने में तहरीर देकर दोनों जमानतियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए।
मामला 15 मई 2019 का है, जब नीलम चौधरी ने अपने पति अवतार सिंह की हत्या की साजिश रची। अभियोजन के अनुसार, नीलम ने अपने साथियों अजय कुमार यादव (निवासी थाना मछलीबाजार, ईटहरा, जिला जौनपुर) और मनीष मिश्रा (निवासी फूलपुर, प्रयागराज) के साथ मिलकर अवतार सिंह को बेहोशी की हालत में सलड़ी, भीमताल के पास ले जाकर उसकी गाड़ी में आग लगा दी। इस घटना में अवतार सिंह की मौत हो गई थी।
मामले में आरोपी अजय यादव पहले ही जमानत का दुरुपयोग कर फरार हो चुका है, जिसकी अभी तक गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।
नीलम को मई 2025 में उच्च न्यायालय से जमानत मिली थी। अभियोजन की ओर से दलील दी गई कि उसकी जमानत जिन दो व्यक्तियों रिंकू सिंह (निवासी लालपुर, थाना कुंडा, काशीपुर) और राजकुमार (निवासी कुंडा, काशीपुर) ने दी थी, वे दोनों पेशेवर जमानती हैं।
प्राप्त दस्तावेजों की जांच में सामने आया कि दोनों के पास किसी प्रकार की वैध संपत्ति नहीं है। इसके बावजूद उन्होंने झूठे और कूटरचित दस्तावेज़ों के आधार पर नीलम की जमानत कराई। रिंकू और राजकुमार के खिलाफ पूर्व में भी इसी तरह के मामलों में कुंडा और खटीमा थानों में मुकदमे दर्ज हैं।
जिला जज ने इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए दोनों जमानतियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 229, 233, 235, 236, 237, 238, 335, 337, और 340 के तहत मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए हैं।
