रामनगर (नैनीताल): तराई पश्चिमी वन प्रभाग कार्यालय के घेराव में उमड़ा जन सैलाब, चांदनी सफारी जोन के विरोध में प्रदर्शन
रामनगर, नैनीताल – तराई पश्चिमी वन प्रभाग कार्यालय के घेराव धरना प्रदर्शन कार्यक्रम में आज भारी संख्या में ग्रामीणों का जन सैलाब उमड़ पड़ा। ग्रामीण चांदनी सफारी जोन के प्रस्ताव के विरोध में एकजुट होकर आंदोलन कर रहे हैं। उनका आरोप है कि यह प्रस्ताव पर्यावरण और जीवन सुरक्षा के लिए हानिकारक है, और इसे तत्काल रद्द किया जाए।
पूर्व ब्लॉक प्रमुख संजय नेगी रामनगर, नगर पालिका अध्यक्ष हाजी मोहम्मद अकरम, भारतीय जनता पार्टी के नेता ब्लॉक प्रमुख पति इंदर सिंह रावत, नरेंद्र शर्मा, उप्पा नेता प्रभात ध्यान सहित विभिन्न संगठनों के सदस्य भी इस आंदोलन में शामिल हुए और वन प्रभाग कार्यालय में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
ग्रामीणों ने प्रभागीय वनाधिकारी के कार्यालय में ना होने पर रोष व्यक्त किया। उनका कहना था कि वनाधिकारी हमेशा आंदोलनकारियों के सवालों से बचने के लिए सामने नहीं आते हैं, जबकि कुछ मुट्ठी भर लोग निजी स्वार्थ के लिए चांदनी जोन का समर्थन कर रहे हैं। आंदोलनकारियों ने यह भी आरोप लगाया कि पर्यावरण रक्षा और जीवन सुरक्षा के मुद्दे पर चल रहे इस आंदोलन को कमजोर करने के लिए जानबूझकर प्रयास किए जा रहे हैं।
ग्रामीणों ने यह भी स्पष्ट किया कि वे एकजुट हैं और जब तक प्रस्तावित चांदनी सफारी जोन को रद्द नहीं किया जाता, उनका संघर्ष जारी रहेगा। आवश्यकता पड़ने पर वे जनप्रतिनिधियों के आवासों का घेराव भी करेंगे और “घेरा डालो, डेरा डालो” कार्यक्रम शुरू करेंगे।
प्रदर्शन के दौरान, रामनगर डिग्री कॉलेज के समीप एकत्र होकर ग्रामीणों ने हाथों में “सफारी जोन रद्द करो” के नारे लिखी तख्तियाँ लेकर प्रभागीय वनाधिकारी कार्यालय तक जुलूस निकाला। सुरक्षा की दृष्टि से भारी पुलिस बल तैनात था।
पूर्व में विनय सिंह बिष्ट के नेतृत्व में कुछ युवकों ने चांदनी जोन के समर्थन में प्रभागीय वनाधिकारी को ज्ञापन दिया था, लेकिन आज के प्रदर्शन में उन्होंने चांदनी जोन के कुप्रभावों को समझते हुए विरोध प्रदर्शन में भाग लिया।
प्रदर्शन के दौरान, उप प्रभागीय वनाधिकारी किरन शाह के माध्यम से मुख्यमंत्री उत्तराखंड, वन मंत्री उत्तराखंड और प्रमुख वन संरक्षक उत्तराखंड को सैकड़ों हस्ताक्षरों से युक्त ज्ञापन प्रस्तुत किया गया।
ग्रामीणों का यह संघर्ष अब एक महत्वपूर्ण मोड़ पर पहुंच चुका है, और उनका कहना है कि वे चांदनी सफारी जोन का प्रस्ताव रद्द करवाने तक संघर्ष जारी रखेंगे।
