“नशा नहीं, इलाज दो” अभियान के तहत महिला एकता मंच का विधायक कार्यालय पर जोरदार प्रदर्शन
थाली-कनस्तर बजाकर जताया विरोध, सरकारी अस्पताल में डॉक्टरों की बहाली और शराबबंदी की उठाई मांग
रामनगर, 1 जुलाई। “नशा नहीं, इलाज दो” अभियान के तहत मालधन की महिलाओं ने महिला एकता मंच के नेतृत्व में रामनगर विधायक दीवान सिंह बिष्ट के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। महिलाओं ने थाली और कनस्तर बजाकर विधायक कार्यालय पर हल्ला बोला और दर्जनों मांग पत्र कार्यालय के गेट पर चस्पा कर दिए।
कार्यक्रम की पूर्व घोषणा के बाद प्रशासन ने महिलाओं को रोकने की कोशिश की, लेकिन तमाम धमकियों के बावजूद बड़ी संख्या में महिलाएं रामनगर पहुंचीं और विधायक कार्यालय के सामने डटी रहीं। प्रदर्शनकारी महिलाओं ने स्पष्ट कहा कि आंदोलन तभी स्थगित होगा जब सरकार डॉक्टर प्रशांत कौशिक और डॉ. अर्चना कौशिक का मालधन से प्रस्तावित ट्रांसफर रद्द करेगी, अस्पताल में चिकित्सकीय सुविधाएं सुनिश्चित की जाएंगी और गोपाल नगर व पाटकोट में खोली गई शराब की दुकानें बंद की जाएंगी। साथ ही क्षेत्र में अवैध व कच्ची शराब पर रोक लगाने के लिए विशेष टीम गठित की जाए।
महिलाओं ने बताया कि चार दिन पहले विधायक से मिलकर ज्ञापन सौंपा गया था, जिसमें मालधन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में आवश्यक डॉक्टरों व स्टाफ की नियुक्ति, एक्स-रे मशीन को चालू करने, अल्ट्रासाउंड सुविधा और 24×7 आपातकालीन सेवा उपलब्ध कराने की मांग की गई थी। साथ ही नशे के खिलाफ कठोर कार्रवाई और नई शराब दुकानों को बंद करने की बात भी उठाई गई थी। परंतु, विधायक की ओर से कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया न मिलने पर हल्ला बोल आंदोलन का निर्णय लिया गया।
सभा का संचालन सरस्वती जोशी ने किया। महिला एकता मंच की संयोजक ललित रावत, ग्राम प्रधान पुष्पा, भगवती आर्य, देवी आर्य, विनीता टम्टा, उपपा नेता प्रभात ध्यानी, राज्य आंदोलनकारी पान सिंह, किसान संघर्ष समिति के संयोजक ललित उप्रेती और समाजवादी लोकमंच के संयोजक मुनीष कुमार ने सभा को संबोधित किया।
वक्ताओं ने चेतावनी दी कि यदि तीन दिन के भीतर मांगे पूरी नहीं हुईं तो मालधन बाजार बंद करने और भाजपा जनप्रतिनिधियों का थाली-कनस्तर बजाकर विरोध करने का सिलसिला शुरू होगा।
प्रदर्शन में शामिल महिलाओं ने कहा कि उत्तराखंड राज्य आंदोलन और आजादी की लड़ाई में महिलाओं की अहम भूमिका रही है और अब भी वे समाज को नशे से मुक्त करने और बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं। उन्होंने भाजपा सरकार को चेताया कि जनता उन्हें सत्ता में बैठा सकती है तो सत्ता से हटा भी सकती है।
आंदोलन की आगामी रणनीति की घोषणा 6 जुलाई को की जाएगी।
