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मालधन में महिलाओं का हल्ला बोल: शराब की दुकान बंद करने और स्वास्थ्य सुविधाओं की मांग को लेकर चक्का जाम की तैयारी

मालधन: गोपाल नगर नंबर 6 में हाल ही में खोली गई शराब की दुकान के विरोध में और क्षेत्र में नशे के अवैध कारोबार पर लगाम लगाने की मांग को लेकर मालधन की महिलाएं एकजुट हो गई हैं। महिला एकता मंच ने 3 मई को प्रस्तावित चक्का जाम और धरने की तैयारी को लेकर गोपाल नगर में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की।

बैठक में महिलाओं ने क्षेत्र की बदहाल स्वास्थ्य सुविधाओं पर भी जमकर नाराजगी जताई। उनकी प्रमुख मांगों में मालधन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सर्जन, निश्चेतक, बाल रोग विशेषज्ञ, रेडियोलॉजिस्ट और अन्य आवश्यक पैरामेडिकल स्टाफ की तत्काल नियुक्ति शामिल है। इसके साथ ही, लंबे समय से बेकार पड़ी एक्सरे मशीन को तुरंत चालू करने और अल्ट्रासाउंड व 24×7 आपातकालीन जैसी महत्वपूर्ण सुविधाएं उपलब्ध कराने की भी पुरजोर मांग उठी।

महिलाओं ने “नशा नहीं, इलाज दो” अभियान को तेज करने का संकल्प लिया। इसके तहत, 29 अप्रैल को मालधन नंबर 2 के पंचायत भवन में दिन में 11 बजे एक व्यापक जनसंपर्क बैठक आयोजित की जाएगी। इस बैठक में क्षेत्र की महिलाओं, विभिन्न जन संगठनों और जन प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया है ताकि आंदोलन को और अधिक प्रभावी बनाया जा सके।

बैठक में उपस्थित महिलाओं ने विकास के नाम पर शराब की दुकानें खोलने पर कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि असली विकास का मतलब मालधन के अस्पताल में आधुनिक चिकित्सा सुविधाएं, उच्च शिक्षा संस्थान और क्षेत्र के लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करना है, न कि शराब की दुकानें खोलना।

बैठक में भगवती नामक महिला ने बताया कि रामनगर के उपजिलाधिकारी ने प्रशासन की ओर से शराब ठेकेदार को 25 अप्रैल तक शराब की दुकान बंद करने का समय दिया था, लेकिन दो दिन बीत जाने के बाद भी दुकान अभी तक खुली हुई है, जिससे महिलाओं में आक्रोश और बढ़ गया है।

महिला एकता मंच ने क्षेत्र की सभी जागरूक जनता से “नशा नहीं, इलाज दो” अभियान के तहत 29 अप्रैल को मालधन में होने वाली महत्वपूर्ण बैठक में भारी संख्या में शामिल होने की अपील की है ताकि 3 मई के चक्का जाम और धरने को सफल बनाया जा सके और प्रशासन को उनकी मांगों पर ध्यान देने के लिए मजबूर किया जा सके।

बैठक में विनीता टम्टा, पुष्पा, देवी आर्य, सरस्वती जोशी, कौशल्या चुनियाल, गंगा, सलोनी, नीतू, भावना, लक्ष्मी, रजनी समेत कई अन्य महिलाएं उपस्थित थीं, जिन्होंने एकजुट होकर आंदोलन को सफल बनाने का संकल्प लिया।


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