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सगाई की जिद पर अड़ा नाबालिग, लेकिन कानून के आगे झुके परिजन

रुद्रप्रयाग, 17 अप्रैल 2025: जनपद रुद्रप्रयाग के एक गांव में नाबालिग लड़के की सगाई की सूचना मिलने पर बाल विकास विभाग की टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मौके पर पहुंचकर सगाई की रस्म रुकवा दी। विभाग के अनुसार, 17 वर्षीय किशोर की 19 वर्षीय युवती से सगाई की तैयारी की जा रही थी।

घटना मंगलवार को सामने आई जब विभाग को विश्वसनीय सूत्रों से सूचना प्राप्त हुई कि एक गांव में नाबालिग लड़के का विवाह निकटवर्ती गांव की युवती से तय कर दिया गया है और सगाई इसी सप्ताह होनी है। जानकारी मिलते ही जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ. अखिलेश मिश्र के निर्देश पर वन स्टॉप सेंटर की प्रशासक रंजना गैरोला भट्ट, चाइल्ड हेल्पलाइन के सुपरवाइजर सुरेंद्र सिंह और केस वर्कर अखिलेश सिंह की संयुक्त टीम मौके के लिए रवाना की गई।

टीम ने संबंधित परिवार से बातचीत कर उन्हें बताया कि बाल विवाह एक दंडनीय अपराध है, जिसके लिए दो वर्ष तक की सजा या एक लाख रुपये तक का जुर्माना, अथवा दोनों सजाएं हो सकती हैं। नाबालिग लड़का विवाह पर अड़ा रहा, लेकिन टीम द्वारा समझाने-बुझाने और कानूनी प्रावधानों की जानकारी दिए जाने के बाद अंततः परिजनों ने सगाई को स्थगित कर दिया।

टीम ने परिजनों को उत्तराखंड में हाल ही में लागू समान नागरिक संहिता (UCC) के बारे में भी जानकारी दी। बताया गया कि अब विवाह का पंजीकरण अनिवार्य कर दिया गया है और नाबालिग व्यक्ति का विवाह पंजीकृत नहीं किया जा सकता। जबरन विवाह करने पर कठोर कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

डॉ. अखिलेश मिश्र ने जानकारी देते हुए बताया कि जिले में अब तक बाल विवाह और सगाई रोकने के कुल 17 मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें विभाग ने सक्रिय भूमिका निभाते हुए समय रहते हस्तक्षेप किया है।


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