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उत्तराखंड में बिजली दरों में 29% वृद्धि पर उद्योगपतियों का विरोध, पलायन की संभावना जताई

देहरादून। उत्तराखंड में तीनों ऊर्जा निगमों (यूपीसीएल, पिटकुल और यूजेवीएनएल) द्वारा बिजली दरों में 29 प्रतिशत बढ़ोतरी के प्रस्ताव पर उद्योगपतियों का विरोध बढ़ गया है। उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग की जनसुनवाई के दौरान उद्योग संगठनों ने स्पष्ट रूप से कहा कि अगर बिजली दरें कम नहीं की गईं, तो वे राज्य से पलायन करने के लिए मजबूर होंगे।

इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड के अध्यक्ष पंकज गुप्ता ने कहा कि हर साल बिजली महंगी की जा रही है, जिससे उद्योगों की उत्पादन लागत में बढ़ोतरी हो रही है। वहीं, उद्योगपति राजीव अग्रवाल ने कहा कि यूपीसीएल की बिजली खपत लगातार घट रही है, क्योंकि बढ़ती दरों के कारण उपभोक्ता और उद्योग अन्य सस्ते विकल्पों की तलाश कर रहे हैं।

उद्योगपति पवन अग्रवाल ने ऊर्जा निगमों पर राज्य के औद्योगिक हितों की अनदेखी करने का आरोप लगाया। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड में सालाना 13,870 मिलियन यूनिट बिजली की खपत होती है, जिसमें 50% उपभोग केवल उद्योगों का है। महंगी बिजली के कारण उद्योगों का पलायन तेज हो रहा है।

कोटद्वार से आए उद्योगपति शशिकांत सिंघल ने भी बिजली दरों में बढ़ोतरी पर नाराजगी जताते हुए कहा कि यदि दरें 5.50 रुपये प्रति यूनिट तक नहीं लाई गईं, तो कई उद्योग राज्य से बाहर चले जाएंगे।

अब यह देखना होगा कि ऊर्जा निगम और राज्य सरकार इस मुद्दे पर क्या कदम उठाती है और उद्योगों को राहत देने के लिए क्या निर्णय लिया जाता है।


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