उत्तराखंड वन विभाग में बड़ा फेरबदल: समीर सिन्हा बने नए प्रमुख वन संरक्षक (HoFF)
देहरादून। उत्तराखंड वन विभाग में एक बार फिर शीर्ष स्तर पर बड़ा बदलाव हुआ है। विभाग के प्रमुख वन संरक्षक (हेड ऑफ फॉरेस्ट फोर्स – HoFF) धनंजय मोहन ने कार्यकाल समाप्त होने से पहले ही स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) ले ली, जिसके बाद वरिष्ठ वन अधिकारी समीर सिन्हा को विभाग का नया कार्यवाहक HoFF नियुक्त किया गया है।
धनंजय मोहन ने अपनी वीआरएस का कारण पारिवारिक बताया है, लेकिन सूत्रों का मानना है कि उन्होंने यह निर्णय विभागीय दबाव या आंतरिक परिस्थितियों के चलते लिया। उन्होंने इस विषय पर कोई सार्वजनिक टिप्पणी नहीं की, सिर्फ शासन को भेजे पत्र का हवाला दिया।
समीर सिन्हा, जो अपने साहित्यिक अभिरुचि और सोशल मीडिया पोस्ट्स को लेकर पहले भी चर्चा में रहे हैं, अब विभाग की कमान संभालेंगे। हालांकि उनका कार्यकाल सीमित रहेगा, क्योंकि वे इसी वर्ष 30 नवंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। बावजूद इसके, उन्होंने कहा है कि वे टीम के साथ मिलकर प्रभावी कार्य को प्राथमिकता देंगे।
हर साढ़े छह महीने में बदल रहा विभाग का मुखिया
उत्तराखंड वन विभाग में प्रमुख वन संरक्षक (HoFF) की कुर्सी बीते साढ़े चार वर्षों में लगातार विवादों और बदलावों का केंद्र रही है। नवंबर 2020 से अब तक सात बार इस पद पर बदलाव हो चुका है, और समीर सिन्हा इस अवधि में आठवें HoFF बने हैं।
इस क्रम की शुरुआत रंजना काला से हुई, जिनके बाद राजीव भरतरी, विनोद कुमार सिंघल, अनूप मलिक और धनंजय मोहन जैसे अधिकारी इस पद पर रहे। सबसे ज्यादा विवाद तब पैदा हुआ जब 2021 में कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में अवैध निर्माण और पेड़ों की कटाई के मामलों ने तूल पकड़ा, जिसके बाद अधिकारियों के लगातार तबादले शुरू हुए।
