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देहरादून-मूल निवास, भू -कानून को लेकर स्वाभिमान महारैली आज, प्रदेशभर से जुटेंगे लोग

मूल निवास प्रमाण पत्र और सशक्त भू कानून को लेकर उत्तराखंडी एक बार फिर सड़कों पर

मूल निवास प्रमाण पत्र और सशक्त भू कानून को लेकर एक बार फिर उत्तराखंड में आंदोलन शुरू होने जा रहा है। तमाम गैर राजनीतिक और राजनीतिक संगठन मूल निवास और भू कानून की मांग को लेकर आज 24 दिसंबर को देहरादून परेड ग्राउंड में इकट्ठा होंगे। ये आंदोलन मूल निवास स्वाभिमान महारैली के नाम से किया जा रहा है। प्रदेश भर के तमाम सामाजिक संगठनों द्वारा आह्वान किया गया है कि आज उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के परेड ग्राउंड में एकत्रित होकर सीएम आवास का घेराव किया जाएगा। मांग है कि 1950 के मूल निवास को लागू किया जाए। मूल निवास के साथ ही तमाम सामाजिक संगठनों की मांग है कि प्रदेश में सशक्त भू कानून भी लागू हो। उत्तराखंड में मूल निवास कानून लागू करने और इसकी कट ऑफ डेट 26 जनवरी 1950 घोषित किए जाने और प्रदेश में सशक्त भू-कानून लागू किए जाने जैसे मुद्दों पर आज रविवार को तमाम सामाजिक और राजनीतिक संगठन परेड ग्राउंड में जुटेंगे। इसके साथ ही उत्तराखंड मूल निवास स्वाभिमान महारैली का आयोजन किया जाएगा। लोगों में गुस्सा इस बात पर है कि सशक्त भू कानून नहीं होने की वजह से राज्य की जमीन को राज्य से बाहर के लोग बड़े पैमाने पर खरीद रहे हैं और राज्य के संसाधन पर बाहरी लोग हावी हो रहे हैं। जबकि यहां के मूल निवासी और भूमिधर अब भूमिहीन हो रहे हैं। इसका असर पर्वतीय राज्य की संस्कृति, परंपरा, अस्मिता और पहचान पर पड़ रहा है।

आज सभी लोग परेड ग्राउंड में एकत्र होकर रैली की शक्ल में परेड ग्राउंड से निकलकर काॅन्वेंट स्कूल से होते हुए एसबीआई चौक, बुद्धा चौक, दून अस्पताल, तहसील चौक होते हुए कचहरी स्थित शहीद स्मारक पर सभा में तबदील होने के बाद समाप्त होगी। यह उत्तराखंड की जनता की अस्मिता और अधिकारों की लड़ाई है।

लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी , ज्योति उप्रेती सती और नीरजा उप्रेती, गायका अनीशा रांगड़ का कहना है कि इस राज्य के लिए मूल निवास और सशक्त भू-कानून जरूरी है। पिछली सरकारों ने मूल निवास की जगह राज्य के लोगों के स्थाई निवास बना दिए हैं। राज्य में मेरठ, मुजफ्फरनगर, पीलीभीत से आए लोगों चंद पैसा देकर स्थाई निवास प्रमाण पत्र बना ले रहे हैं। राज्य के लोगों के अधिकार बांट दिए गए हैं। जिससे राज्य की युवाओं के हित प्रभावित हो रहे हैं। उत्तराखंड के बच्चों का भविष्य सुरक्षित रहे इसके लिए अलग राज्य की लड़ाई लड़ी गई थी। लेकिन बाहर के लोग फर्जी तरीके से स्थाई निवास प्रमाण पत्र बनाकर यहां नौकरी पा रहे हैं। सशक्त भू कानून की मूल निवास की मांग हर पहाड़ पहाड़वासी की मांग है। जमीन यहां के लोगों की जा रही है। लेकिन लाभ किसी अन्य को मिल रहा है।

उत्तराखंड क्रांति दल के अध्यक्ष पूरन सिंह कठैत ने बताया कि मूल निवास और सशक्त भू कानून लागू नहीं किया तो पहाड़ के मूल निवासी अल्पसंख्यक और आने वाली पीढ़ियां भूमिहीन हो जाएगी जन भावना को देखते हुए सरकार को इस मसले पर उचित कदम उठाना चाहिए। उन्होंने कहा आज की रैली जनता की रैली है। उनके द्वारा बताया गया कि उक्रांद ने स्वाभिमान महारैली के लिए प्रदेश स्तर पर तैयारी पूरी कर ली गई है।

बरिष्ट नेता उत्तराखंड क्रांति दल भुवन चंद्र जोशी ने कहा उत्तराखंड में उत्तराखंड के लोगों के साथ लगातार सौतेला व्यवहार हुआ है पर्वतीय भूभाग 87% होने के बावजूद पिछले परिसीमन में उत्तराखंड की पर्वतीय क्षेत्र की विधानसभा सीटें कम हो गई और उत्तराखंड के युवाओं का रोजगार बाहरी राज्यों से आए हुए लोगों को दे दिया गया जिसके कारण आज बड़ी संख्या में युवा बेरोजगार है और पलायन करने को मजबूर है उत्तराखंड के राज्य के युवाओं का रोजगार बेचने का काम भी पिछली और वर्तमान सरकारों द्वारा किया गया जिसके कारण पूरे उत्तराखंड के युवाओं में रोष है और आज उत्तराखंड का हर युवा चाहता है की उत्तराखंड में मूल निवास लागू हो और जिसके कारण यहां के स्थानीय युवाओं को रोजगार की व्यवस्था हो सके उनके हक हकुक उनको मिल सके।

मूल निवास के मुद्दे पर महारैली को कांग्रेस ने भी अपना समर्थन दिया है। पार्टी प्रदेश अध्यक्ष करण मेहरा ने समर्थन पत्र जारी कर यह जानकारी दी है। उन्होंने कहा है कि वह कांग्रेस हमेशा से जन सरोकार के मुद्दे पर हमेशा से जनता के साथ खड़ी रही है।


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