छोटे भूखंडों की रजिस्ट्री जांच में सामने आए फर्जीवाड़े, कई नहीं दिखा पाए दस्तावेज
हल्द्वानी-रामनगर में 100 गज से छोटे प्लॉटों की जांच, कई अनियमितताएं उजागर
हल्द्वानी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों के अनुपालन में 100 वर्ग गज से कम क्षेत्रफल वाले भूखंडों/प्लॉटों की रजिस्ट्री और निर्माण कार्यों की जांच हेतु जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण द्वारा सोमवार को विभिन्न क्षेत्रों में विशेष सत्यापन अभियान चलाया गया। इस अभियान के तहत हल्द्वानी, रामनगर और नैनीताल क्षेत्रों में चार अलग-अलग टीमों का गठन कर रजिस्ट्री, नक्शा स्वीकृति और अवैध निर्माण की जांच की गई।
हल्द्वानी गौलापार क्षेत्र के ग्राम देवला तल्ला पंजाया में 15 प्लॉटों की जांच की गई। इनमें से 2 रजिस्ट्री बैनामे प्रस्तुत किए गए, परंतु मानचित्र स्वीकृति नहीं ली गई थी। 3 मामलों में स्टांप पर जमीन की खरीद-बिक्री सामने आई। 5 प्लॉट खाली पाए गए और 5 मामलों में रजिस्ट्री की प्रति उपलब्ध नहीं कराई गई।
गौजाजाली क्षेत्र में 15 प्लॉटों की जांच में सभी ने बैनामे की प्रति दिखाई, लेकिन 10 लोगों के पास मानचित्र स्वीकृति नहीं थी। 2 ने स्वीकृति ली थी, पर मौके पर मानचित्र शर्तों का उल्लंघन किया गया था। 3 ने नक्शा स्वीकृत होना बताया, पर प्रति नहीं दिखाई।
रामनगर के पूछड़ी क्षेत्र में 21 प्लॉटों की जांच में 11 लोगों ने बैनामा दिखाया, 8 ने नहीं दिखाया, जबकि 2 ने स्टांप पर जमीन खरीद की बात कही। किसी के पास मानचित्र स्वीकृति नहीं थी।
भवाली व नैनीताल क्षेत्र में सचिव जिला विकास प्राधिकरण विजय नाथ शुक्ल की अगुवाई में 20 भवनों और 15 भूखंडों का निरीक्षण किया गया। अधिकतर मामलों में न तो मानचित्र स्वीकृति पाई गई और न ही विक्रय पत्र प्रस्तुत किए गए।
सचिव ने बताया कि उत्तराखंड नगर एवं ग्राम नियोजन एवं विकास अधिनियम और भवन उपविधियों का उल्लंघन पाए जाने पर संबंधितों के विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। जांच दलों में राजस्व विभाग सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी और कर्मचारी सम्मिलित रहे।
