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सड़क के आभाव में नहीं मिला उपचार,नवजात शिशु ने तोड़ा दम

नदी किनारे महिला का कराना पड़ा प्रसव

पिथौरागढ़ का रूईसपाटा गाँव, जो आज भी है सड़क से 6 किलोमीटर दूर

पिथौरागढ़। ताजा मामला मुनस्यारी विकासखंड के गाव रूईसपाटा का है, इस गांव में सड़क नहीं होने से रूईसपाटा के ग्रामीणों ने गर्भवती हेमा देवी पत्नी कविंद्र सिंह को प्रसव पीड़ा उठने के बाद डोली के सहारे अस्पताल ले जा रहे थे। तीन किमी दूर फूली नाले के पास गर्भवती को प्रस्व पीड़ा शुरु होने पर आशा कार्यकर्ता पुष्पा देवी और क्वीटी अस्पताल की हेमा द्वारा नदी किनारे महिला का प्रसव कराना पड़ा।

गर्भवती महिला ने जुड़वा बच्चों को जन्म दिया लेकिन सुविधाओ का आभाव होने की वजह से मां को अपने एक बच्चे से हाथ धोना पड़ा। एक बच्चे ने मोके पर दम तोड़ दिया। रुइसपाटा गाव आज भी सड़क से 6 किलोमीटर दूर है यहा के लोगो को सड़क तक पहुंचने के लिए करना पड़ता है 6 किलोमीटर उबड़ खबड़ रास्तो का पैदल सफर करना पड़ता है।

वही ग्रामीणों का कहना है ये कोई पहला मामला नही है पहले भी रोड ना होने से ऐसी कई घटनाये हो चुकी हैं, प्रशासन और सरकार को इसका संज्ञान लेना  चाइये और हमे जरुरी सुविधाये मुहैया करनी चाहिए।

वही जिले कि जिलाधिकारी रीना जोशी ने खबर का संज्ञान लेते हुए कहा कि जल्द ही जिले के सभी सड़क सुविधा से वंचित गांवों का लोक निर्माण विभाग द्वारा सर्वे कराया जाएगा। इसके बाद उन गांवों को मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना में शामिल कर सड़क का निर्माण कार्य कराया जाएगा।


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