उत्तराखंड आशा हैल्थ वर्कस युनियन ने महिला दिवस पर अपनी जल्वत मांगों को लेकर सीएमओ को ज्ञापन सौंपा
संवाददाता सीमा खेतवाल
उत्तराखंड आशा हैल्थ वर्कस युनियन ने अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में बीडी पांडे, मुख्य चिकित्सा अधिकारी को अपनी जल्वत मांगों के निराकरण हेतू ज्ञापन सौंपा। इस ज्ञापन में युनियन ने राज्य सरकार से आशा कर्मचारियों के लिए उचित मानदेय और अन्य लाभों की मांग की है।
प्रदेश अध्यक्ष कमला कुंजवाल ने सरकार की महिला सशक्तिकरण की नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में रह रही आशा कर्मचारियों के लिए यह दावा सिर्फ एक शब्दात्मक बयान ही साबित हो रहा है। उनका कहना था कि वर्तमान सरकार और पूर्व सरकार ने कभी भी आशा कर्मचारियों के न्यूनतम मानदेय में बढ़ोतरी के लिए कोई कदम नहीं उठाया।
महंगाई के इस दौर में जहां एक सामान्य मजदूर 15 से 20 हजार रुपये कमा रहा है, वहीं आशा कर्मचारियों को उनके कार्यों के बदले राज्य सरकार द्वारा एक सामान्य मजदूर के बराबर भी मानदेय नहीं दिया जा रहा है। खासकर पर्वतीय क्षेत्रों में यह महिलाएं अत्यधिक कठिनाइयों का सामना कर रही हैं।
आशा कर्मचारियों ने अपनी छह प्रमुख मांगों का समाधान करने की अपील की है, जो इस प्रकार हैं:
- आशा कर्मचारियों को राज्य कर्मचारी घोषित किया जाए।
- रिटायरमेंट बैनीफिट्स और पेंशन लागू किया जाए।
- सर्दी और गर्मी के लिए अलग-अलग वर्दी का प्रावधान किया जाए।
- डीजी हेल्थ के तहत 2021 का नियमित मानदेय लागू किया जाए।
- आशा कर्मचारियों को 18,000 रुपये प्रति माह वेतन दिया जाए।
- महिला सशक्तिकरण के अंतर्गत आशा कर्मचारियों को लाभांवित किया जाए।
