उत्तराखंड सरकार से न्याय की मांग कर रहे बुक्सा जनजाति बहुल गांव वीरपुर लच्छी के ग्रामीण
ग्रामीणों ने बैठक में कहा कि 11 वर्ष पूर्व 1 मई 2013 को खनन माफिया सोहन सिंह व उसके दर्जनों गुर्गों ने दिन दहाड़े गांव में घुसकर गोलीबारी कर 3 घरों में आग लगा दी थी। बुक्सा जनजाति की महिलाओं व ग्रामीणों को लाठी डंडों व बंदूक की बटों से बुरी तरह घायल कर दिया था। ग्रामीण गांव के बीच से डम्परों का आवागमन स्कूल टाइम में बंद किए जाने व सड़क पर पानी छिड़कने की मांग कर रहे थे।
महिलाओं ने कहा कि घटना को 11 वर्ष बीत जाने के बावजूद भी हमें न्याय नहीं मिला है। सरकार की कमजोर पैरवी के कारण घटना के पर्याप्त साक्ष्य व फोटो- वीडियो उपलब्ध होने के वाबजूद भी सभी आरोपी न्यायालय द्वारा छोड़ दिये गये । ग्रामीणों ने उत्तराखंड सरकार से माननीय उच्च न्यायालय में मजबूत तरह से पैरवी की मांग की है ताकि पिछले 11 वर्षों से न्याय का इंतजार कर रहे बुक्सा जनजाति के ग्रामीणों को न्याय मिल सके।
बैठक में ग्रामीणों ने संकल्प लिया कि हमें जब तक न्याय नहीं मिल जाता, हमारा संघर्ष जारी रहेगा। बैठक में प्रेम सिंह, मदन सिंह, नारायण सिंह, बाबू सिंह, मौ आसिफ, हरी सिंह, मुनीष कुमार, धनो देवी, मालती सिंह, लक्ष्मी सिंह, मनिया देवी, सरस्वती जोशी, कौशल्या चुनियाल, गोमती देवी, प्रेमवती, राधिका सिंह, पलक,जानकी सिंह समेत बड़ी संख्या में ग्रामीण शामिल हुए।
