पाठकोट में शराब की दुकान खोलने के विरोध में ग्रामीणों का धरना 10वें दिन भी जारी
महिलाओं ने कहा – “शराब नहीं, इलाज और रोजगार चाहिए”
पाठकोट (उत्तराखंड): पाठकोट में प्रस्तावित शराब की दुकान के विरोध में चल रहा धरना गुरुवार को 10वें दिन भी जारी रहा। बड़ी संख्या में महिलाओं और ग्रामीणों ने दुकान पर तालाबंदी करते हुए सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और साफ़ कहा कि वे अपने गांव में शराब की दुकान किसी भी कीमत पर नहीं खुलने देंगे।
धरना स्थल पर मौजूद महिलाओं ने कहा कि जब गांव में पीने का पानी नहीं है, अस्पताल में इलाज की सुविधा नहीं है और बेरोज़गारी अपने चरम पर है, तो सरकार इन समस्याओं का समाधान करने के बजाय गांव में नशे को बढ़ावा दे रही है।
महिला एकता मंच की संयोजक ललिता रावत ने कहा कि राज्य सरकार ने वर्ष 2025-26 की आबकारी नीति में शराब से 5,000 करोड़ रुपए से अधिक राजस्व जुटाने का लक्ष्य तय किया है। इसी के तहत नैनीताल ज़िले में चार नई शराब की दुकानें खोली जा रही हैं, जिनमें से एक पाठकोट में प्रस्तावित है। उन्होंने दावा किया कि पाठकोट में सालाना लगभग 2 करोड़ रुपए की शराब बेची जाएगी, जिससे सरकार और शराब माफिया तो मालामाल होंगे, लेकिन गांव की युवा पीढ़ी नशे की गर्त में समा जाएगी।
किसान संघर्ष समिति के महेश जोशी ने कहा कि सरकार को पाठकोट, मालधन और चोरगलिया जैसे क्षेत्रों में शराब की दुकानें खोलने के बजाय शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने जनभावनाओं का सम्मान नहीं किया, तो जनता भ्रष्ट नेताओं को कुर्सियों से उतारना भी जानती है।
धरने में पदमा देवी, कमला देवी, सरस्वती जोशी, तुलसी जोशी, जानकी, पूनम, मोहनी देवी, पार्वती देवी, नंदी देवी, दीपा देवी, गीता देवी, माया देवी, गंगा, सुनीता, चंपा, भगवती, दिनेश, केशव कुमार, महेंद्र चौधरी, दीपक सती, केशव बधानी और मोहन चंद्र सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण शामिल रहे।
