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वोटिंग लिस्ट में नाम नहीं होने पर एसएसपी सहित कई पुलिस अधिकारियों ने नहीं डाले वोट

हल्द्वानी: उत्तराखंड में निकाय चुनाव के दौरान वोटर लिस्ट में नाम नहीं होने की वजह से एसएसपी, एसपी सिटी, सीओ समेत कई पुलिस अधिकारियों के अलावा अन्य विभागों के अधिकारियों और स्थानीय नागरिकों को परेशानी का सामना करना पड़ा। कई लोग मतदान केंद्रों तक पहुंचे, लेकिन वोटर लिस्ट में नाम न होने के कारण उन्हें बिना वोट डाले लौटना पड़ा।

नैनीताल जिले के कई क्षेत्रों से इस तरह की शिकायतें आई हैं। काठगोदाम, अंबिका विहार, बनभूलपुरा और सुभाषनगर सहित अन्य स्थानों पर भी लोग वोट डालने पहुंचे, लेकिन उनकी नाम सूची में नहीं था। इनमें से कई लोग लोकसभा और विधानसभा चुनावों में मतदान कर चुके थे, लेकिन इस बार उनका नाम वोटर लिस्ट से गायब था।

अंबिका विहार के 20 परिवारों को मतदान से वंचित रहना पड़ा। यहां के लोगों ने शिकायत की कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव में तो उनका वोट डाला गया था, लेकिन इस बार वोटर लिस्ट में नाम नहीं था। इसके अलावा सुभाषनगर में भी 50 लोगों के नाम लिस्ट से गायब थे। स्थानीय लोगों ने निर्वाचन विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाया है और शिकायत भी दर्ज कराई है।

राजपुरा और वार्ड 56 में दो महिलाओं के वोट किसी और ने डाल दिए थे। जब महिलाओं ने आपत्ति जताई, तो उन्हें वोट डालने का अवसर मिला। वहीं, कुछ लोगों के नाम के साथ गलत जानकारी, जैसे लिंग और पिताजी का नाम, भी दर्ज था।

विभागीय अधिकारियों ने बताया कि डोर टू डोर सर्वेक्षण के दौरान कुछ कारणों की वजह से कुछ नाम वोटर लिस्ट से छूट गए होंगे, जिन्हें अब जांच कर सही किया जाएगा।

यह घटनाएं दर्शाती हैं कि वोटर लिस्ट को लेकर सतर्कता की आवश्यकता है, ताकि चुनावों में लोगों को किसी भी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े।


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