जिला प्रशासन का निजी स्कूलों पर शिकंजा: तीन साल में 10 प्रतिशत से अधिक नहीं होगी फीस वृद्धि
देहरादून। जिलाधिकारी सविन बंसल ने प्राइवेट स्कूलों को फीस और किताबों की मनमानी के खिलाफ कड़ी चेतावनी दी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि अगर कोई स्कूल अपनी फीस में 10 प्रतिशत से अधिक वृद्धि करता है या स्कूल की कुल आमदनी में 20 प्रतिशत से अधिक वृद्धि होती है, तो उस स्कूल की मान्यता रद्द कर दी जाएगी।
इसके अलावा, फीस में किसी भी तरह की वृद्धि के लिए अब शिक्षा विभाग से मंजूरी प्राप्त करना अनिवार्य होगा। जिलाधिकारी के निर्देश पर मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) अभिनव शाह ने निजी स्कूलों के फीस स्ट्रक्चर की समीक्षा शुरू कर दी है।
सीडीओ अभिनव शाह ने मंगलवार को शहर के प्रमुख प्राइवेट स्कूलों के फीस स्ट्रक्चर का निरीक्षण किया और पिछले पांच वर्षों की फीस का ब्योरा मंगवाया। इस दौरान ऐन मेरी स्कूल को अपने फीस स्ट्रक्चर को ठीक करने का निर्देश दिया गया। वहीं, ज्ञानंदा स्कूल और सेंट जोसेफ एकेडमी के फीस स्ट्रक्चर को उचित पाया गया। समर वैली सहित अन्य स्कूलों को बुधवार को समीक्षा के लिए बुलाया गया है। इस अवसर पर स्कूल संचालकों और उनके प्रतिनिधियों को स्पष्ट रूप से कहा गया कि वे स्कूलों का संचालन संबंधित नियमों और कानूनों के अनुसार करें।
मुख्य बिंदु यह है कि अगले तीन वर्षों में किसी भी स्कूल को अपनी फीस 10 प्रतिशत से अधिक नहीं बढ़ानी होगी। यदि फीस में 10 प्रतिशत से अधिक वृद्धि आवश्यक हो, तो इसके लिए शिक्षा विभाग से मंजूरी प्राप्त करनी होगी।
इस दौरान एसडीएम हरिगिरी भी मौजूद थे।
सरकारी नियमों का पालन अनिवार्य
राज्य सरकार के आदेश के अनुसार, स्कूलों को आठवीं कक्षा तक आरटीई (Right to Education) एक्ट और इसके प्रावधानों के अनुसार ही संचालन करना होगा। इसके अतिरिक्त, स्कूलों को अभिभावकों को किताबें और ड्रेस केवल अनुमोदित दुकानों से खरीदने के लिए बाध्य नहीं कर सकते हैं। सभी निजी स्कूलों को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे एनसीईआरटी (National Council of Educational Research and Training) की किताबें ही प्रयोग करें।
प्राइवेट स्कूलों पर कड़ी कार्रवाई की संभावना
देहरादून में स्कूलों की कॉपी, किताबें और अन्य शैक्षिक सामग्री की बिक्री में मनमानी को लेकर प्रशासन ने कई जगह छापे मारे हैं। इस छापेमारी टीम में जीएसटी (Goods and Services Tax) अधिकारी भी शामिल थे। राज्य कर विभाग के अधिकारी अविनाश पांडे ने बताया कि कुछ दुकानों से शिकायत मिली थी कि वे बिल नहीं दे रहे हैं, और जहां बिल दिए जा रहे हैं, वहां ओवररेटिंग और टैक्स चोरी की जा रही है। ऐसे दुकानदारों के खिलाफ कार्रवाई की गई है।
शिक्षा विभाग को निर्देश
मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे निजी स्कूलों को सभी नियमों के बारे में पूरी जानकारी प्रदान करें। यदि किसी स्कूल का व्यय निकालने के बाद भी उसकी आमदनी 20 प्रतिशत से अधिक हो रही है, तो उन स्कूलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
