अंकिता भंडारी हत्याकांड: तीनों दोषियों को उम्रकैद, परिजनों को मिलेगा मुआवजा
कोटद्वार की एडीजे कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला, सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम
उत्तराखंड के बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में कोटद्वार की अपर जिला एवं सत्र न्यायालय (एडीजे कोर्ट) ने शुक्रवार को अपना फैसला सुना दिया। अदालत ने मुख्य आरोपी पुलकित आर्य समेत तीनों अभियुक्तों—सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता—को हत्या, सबूत मिटाने और शीलभंग की धाराओं में दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है।
कोर्ट ने तीनों दोषियों को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या), 201 (सबूत मिटाना) और 354 (शीलभंग का प्रयास) के तहत दोषी करार दिया। सभी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। साथ ही प्रत्येक दोषी पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। इसके अतिरिक्त अदालत ने अंकिता भंडारी के परिवार को चार लाख रुपये की क्षतिपूर्ति देने का भी आदेश दिया है।
फैसले के दिन कोटद्वार में सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए गए। गढ़वाल मंडल के विभिन्न जनपदों से भारी पुलिस बल तैनात किया गया और कोर्ट परिसर के बाहर बैरिकेडिंग लगाकर सुरक्षा घेरा बनाया गया।
इस बहुचर्चित मामले में 30 जनवरी 2023 को कोटद्वार स्थित एडीजे कोर्ट में पहली सुनवाई शुरू हुई थी। पुलिस द्वारा गठित विशेष जांच दल (SIT) की जांच के आधार पर अभियोजन पक्ष ने अदालत में लगभग 500 पन्नों का आरोपपत्र दाखिल किया था।
बीती 19 मई को विशेष लोक अभियोजक अवनीश नेगी ने बचाव पक्ष की अंतिम बहस का जवाब प्रस्तुत किया, जिसके बाद अदालत ने 30 मई को फैसला सुनाने की तिथि तय की थी।
गौरतलब है कि सितंबर 2022 में अंकिता भंडारी की हत्या का मामला सामने आया था, जिसमें पुलकित आर्य पर अपने रिजॉर्ट में काम करने वाली अंकिता से अवैध मांगें करने और विरोध करने पर उसे मारकर झील में फेंकने का आरोप था। यह मामला राज्यभर में आक्रोश और विरोध-प्रदर्शनों का कारण बना था।
अदालत के इस फैसले के बाद पीड़ित परिवार और सामाजिक संगठनों ने आंशिक संतोष जताया है, लेकिन दोषियों को फांसी की सजा न मिलने पर निराशा भी व्यक्त की है। वहीं, महिला संगठनों ने इस फैसले को “न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम” बताते हुए दोषियों को संरक्षण देने वालों पर भी कार्रवाई की मांग दोहराई है।
