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एनएच-74 घोटाला: रिटायर्ड पीसीएस अधिकारी डीपी सिंह के कई ठिकानों पर ईडी की छापेमारी

मनी लॉन्ड्रिंग के नए मामले में सात लोगों पर ईडी की बड़ी कार्रवाई, 8 करोड़ रुपये के अवैध लेन-देन का आरोप

देहरादून, 26 जून 2025 — बहुचर्चित एनएच-74 घोटाले की जांच में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार सुबह रिटायर्ड पीसीएस अधिकारी डीपी सिंह के देहरादून स्थित आवास सहित कई ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। ईडी की टीमें सुबह-सुबह राजपुर रोड स्थित आवास पहुंचीं, जहां दस्तावेजों की गहन जांच की जा रही है। साथ ही डीपी सिंह के सीतापुर और बरेली स्थित आवासों पर भी ईडी की कार्रवाई जारी है।

ईडी सूत्रों के मुताबिक, हरिद्वार में एक वरिष्ठ अधिकारी और काशीपुर में एक वकील के घर पर भी छापेमारी की गई है। यह कार्रवाई एनएच-74 चौड़ीकरण के दौरान भूमि अधिग्रहण में हुई वित्तीय अनियमितताओं से जुड़ी है, जिसमें करीब 162.5 करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान है।

एनएच-74 मुआवजा घोटाला उत्तराखंड के सबसे बड़े भूमि अधिग्रहण घोटालों में गिना जाता है। यह घोटाला वर्ष 2017 में सामने आया था, जब राज्य सरकार ने राष्ट्रीय राजमार्ग-74 के चौड़ीकरण हेतु अधिग्रहित जमीनों के मुआवजे में बड़ी धांधली की जांच के आदेश दिए थे। आरोप था कि अधिकारियों की मिलीभगत से अपात्र व्यक्तियों को अवैध रूप से मुआवजा वितरित किया गया, जिससे सरकार को करोड़ों का नुकसान हुआ।

जांच में सामने आया कि मुआवजा वितरण के लिए कृषि भूमि को मनमाने ढंग से वाणिज्यिक भूमि दिखाकर दरें बढ़ा दी गईं। इस प्रकरण की एसआईटी जांच में भी अनियमितताओं की पुष्टि हुई, जिसके बाद अब तक 30 से अधिक लोगों को जेल भेजा जा चुका है, जिनमें कई अधिकारी और किसान शामिल हैं। इस मामले में दो आईएएस अधिकारियों को भी निलंबित किया गया था, हालांकि बाद में उन्हें शासन से क्लीन चिट मिल गई थी।

प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले में एक नया मनी लॉन्ड्रिंग केस दर्ज किया है, जिसमें पूर्व पीसीएस अधिकारी डीपी सिंह, पूर्व एसडीएम काशीपुर भगत सिंह फोनिया, पूर्व तहसीलदार मदन मोहन पाडाल्या, तथा निजी कंपनी फाइबरमार्क्स पेपर्स प्राइवेट लिमिटेड और इसके दो अधिकारी जसदीप सिंह गोराया व हरजिंदर सिंह को आरोपी बनाया गया है।

ईडी की चार्जशीट में सभी आरोपियों पर लगभग 7.99 करोड़ रुपये के अवैध धन (प्रोसीड्स ऑफ क्राइम) का आरोप लगाया गया है। एजेंसी इस मामले की गहराई से जांच कर रही है और जल्द ही अन्य संबंधित लोगों की भूमिका की भी जांच की जा सकती है।

एनएच-74 घोटाले की जांच राज्य के प्रशासनिक तंत्र के उच्च स्तर तक पहुंच चुकी है। ईडी की ताजा कार्रवाई से यह स्पष्ट है कि मामले में अब सख्त रुख अपनाया गया है और दोषियों को कानून के कटघरे में लाने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है।


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