फर्जी प्रशिक्षण योजना का भंडाफोड़: 1300 युवाओं से लाखों की ठगी, संस्था पर दर्ज हुआ मुकदमा
सरकारी प्रशिक्षण और रोजगार के नाम पर युवाओं से वसूले गए पैसे, संस्था के खिलाफ केस दर्ज
उत्तराखंड के युवाओं को फर्जी प्रशिक्षण और रोजगार का सपना दिखाकर ठगने वाली एक संस्था का खुलासा हुआ है। इस संस्था ने खुद को लघु उद्योग विकास परिषद (सीडको) के नाम पर पंजीकृत बताते हुए लगभग 1300 युवाओं से पैसे वसूले, और अब यह मामला ठगी और फर्जीवाड़े में बदल चुका है। देहरादून और नैनीताल में शिकायतों के बाद पुलिस ने जांच शुरू की, जिसके आधार पर सीडको नामक संस्था और उससे जुड़े लोगों पर केस दर्ज किया गया है।
कैसे हुआ फर्जीवाड़ा?
पुलिस जांच में सामने आया है कि संस्था ने ₹6100 प्रति व्यक्ति के हिसाब से युवाओं से प्रशिक्षण और सदस्यता शुल्क वसूला। इन्हें झांसा दिया गया कि प्रशिक्षण के बाद सरकारी योजनाओं के तहत लोन और रोजगार दिया जाएगा। लेकिन न तो कोई वैध प्रमाणपत्र मिला, न कोई नियुक्ति, और न ही कोई योजना अस्तित्व में थी। संस्था का कार्यालय बिहार में पंजीकृत दिखा गया था, लेकिन संचालन उत्तराखंड के देहरादून, हरिद्वार और नैनीताल जिलों में किया जा रहा था। जांच में पता चला है कि संस्था के द्वारा युवाओं से पैसा निजी खातों में जमा कराया गया, जबकि किसी सरकारी योजना में ऐसा कोई प्रावधान नहीं होता। बैंक लेन-देन और रसीदें भी संदिग्ध पाई गई हैं।
जिनके खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज हुई है, उनमें प्रोजेक्ट मैनेजर प्रदीप ठाकुर, कोऑर्डिनेटर अशिका गुप्ता, और अन्य शामिल हैं। देहरादून पुलिस ने इस मामले में संस्था से जुड़े कई दस्तावेज जब्त कर लिए हैं और सीडको का असली अस्तित्व जांच में रखा गया है।
पुलिस का कहना है कि यह एक बहु-राज्यीय नेटवर्क हो सकता है, जिसमें अन्य शहरों और संस्थाओं की भूमिका भी सामने आ सकती है। अब तक 1300 से अधिक युवाओं से संपर्क में आने की बात सामने आई है।
