हल्द्वानी: कुमाऊं आयुक्त दीपक रावत की जनसुनवाई में जमीन विवाद छाए रहे, अधिकतर शिकायतों का मौके पर समाधान
काशीपुर भूमि विवाद: आयुक्त ने सभी पक्षों को किया तलब
क्रेताओं और राजस्व विभाग को बुलाया अगली जनसुनवाई में, कब्जा हटाने पर विचार
हल्द्वानी। जनता से सीधे संवाद और समस्याओं के त्वरित समाधान की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए कुमाऊं मंडल के आयुक्त और मुख्यमंत्री सचिव दीपक रावत ने शनिवार को हल्द्वानी में जनसुनवाई का आयोजन किया। इस दौरान उन्होंने अंतिम पंक्ति तक बैठे शिकायतकर्ताओं की बात गंभीरता से सुनी और अधिकांश मामलों का मौके पर ही निस्तारण कर एक सशक्त प्रशासनिक उदाहरण पेश किया।
जनसुनवाई में सबसे अधिक शिकायतें पैतृक संपत्ति, भूमि विवाद, अतिक्रमण, और चेक बाउंस जैसे मामलों से जुड़ी रहीं। पारिवारिक विवादों और आर्थिक सहायता की मांग करने वाले भी बड़ी संख्या में पहुंचे। भूमि विवादों की अधिकता को देखते हुए आयुक्त ने नागरिकों से अपील की कि भूमि क्रय से पहले कानूनी जांच अनिवार्य रूप से कराएं।
उन्होंने कहा, “भविष्य में परेशानी से बचने के लिए यह सुनिश्चित करें कि जिस भूमि को आप खरीद रहे हैं, वह ऋण-मुक्त हो, भूमि सीलिंग अधिनियम के दायरे में न आती हो, और उसके दस्तावेज विधिक रूप से मजबूत हों। एग्रीमेंट का गहन अध्ययन जरूरी है और कब्जे की रक्षा के लिए चाहरदीवारी अथवा निर्माण कार्य शीघ्र कराया जाए।”
हल्द्वानी निवासी अमीनुर्रहमान ने शिकायत की कि नजूल बाग क्षेत्र में उनकी 6 बीघा 9 बिस्वा भूमि पर अवैध रूप से कब्जा कर कुछ लोगों ने दुकानें बना ली हैं। इस पर आयुक्त ने उपजिलाधिकारी हल्द्वानी को तत्काल जांच कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए।
अल्मोड़ा के कुछ निवासियों ने काशीपुर क्षेत्र में भूमि खरीदने के बाद हुए अवैध कब्जे की शिकायत की। उन्होंने बताया कि हरि प्रसाद नामक व्यक्ति ने कुछ वर्षों बाद उस भूमि पर कब्जा जमा लिया है। आयुक्त ने इस गंभीर प्रकरण में उपजिलाधिकारी काशीपुर को जांच सौंपते हुए भू-स्वामी, क्रेता और राजस्व विभाग को आगामी शनिवार को तलब किया है।
जनसुनवाई के दौरान कई अन्य नागरिकों ने भी अपनी महत्वपूर्ण शिकायतें रखीं, जिनमें भूमि से जुड़ी विभिन्न समस्याएं प्रमुख रहीं। ग्राम चापड़, मौना निवासी ज्योति जोशी ने लोक निर्माण विभाग की भूमि पर किए गए अवैध तारबाड़ को हटाने की मांग की, वहीं बाजपुर की भूपेन्द्र कौर ने अपनी भूमि पर लगी रोक हटाने के लिए गुहार लगाई। इसी तरह, चोपड़ा, ज्योलीकोट निवासी लीलाधर सुयाल ने खरीदी गई भूमि की रजिस्ट्री में आ रही बाधाओं को साझा किया, जबकि जज फार्म निवासी विमल बिष्ट ने यह शिकायत की कि जिस भूमि का उन्होंने क्रय किया था, उसके स्थान पर उन्हें किसी अन्य जगह की भूमि दी गई है। इन सभी मामलों में आयुक्त ने त्वरित संज्ञान लेते हुए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए।
इनमें से कई शिकायतों का समाधान मौके पर ही किया गया, जिससे उपस्थित नागरिकों में प्रशासन के प्रति विश्वास और मजबूत हुआ।
