7 साल बाद मिला न्याय: झूठे धमकी के मुकदमे में भुवन चंद्र आर्या बरी
हल्द्वानी, 2 जुलाई 2025: प्रेमपुर लोसज्ञानी निवासी भुवन चंद्र आर्या को सात साल पुराने झूठे धमकी के मामले में न्यायालय से राहत मिली है। द्वितीय न्यायिक मजिस्ट्रेट श्री विशाल गोयल की अदालत ने साक्ष्यों में विरोधाभास और आरोप सिद्ध न हो पाने के आधार पर भुवन चंद्र आर्या को दोषमुक्त करार दिया।
मामले की शुरुआत 19 जून 2017 को हुई थी, जब प्रेमपुर लोसज्ञानी निवासी देवेंद्र कुमार ने भुवन चंद्र आर्या के खिलाफ जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाते हुए मुखानी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस ने इस मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 504 और 506 के तहत मुकदमा पंजीकृत कर चार्जशीट न्यायालय में प्रेषित की थी।
अभियुक्त की ओर से अधिवक्ता गोविन्द सिंह डंगवाल, सहायक अधिवक्ता योगेन्द्र कुमार पाठक और कोमल जायसवाल ने न्यायालय में प्रभावी पैरवी की। अभियोजन पक्ष ने आरोप सिद्ध करने के लिए कई गवाहों को प्रस्तुत किया, लेकिन बचाव पक्ष की जिरह के दौरान गवाहों के बयानों में भारी विरोधाभास सामने आया।
अधिवक्ता गोविन्द सिंह डंगवाल द्वारा प्रस्तुत तर्कों और गवाहों के विरोधाभासी बयानों को संज्ञान में लेते हुए न्यायालय ने माना कि अभियोजन पक्ष आरोपी के विरुद्ध आरोपों को युक्तियुक्त संदेह से परे सिद्ध करने में असफल रहा। परिणामस्वरूप, न्यायालय ने आरोपी भुवन चंद्र आर्या को संदेह का लाभ देते हुए सभी आरोपों से बरी कर दिया।
