एनआईओएस से प्रशिक्षण लेकर की गई नियुक्तियों में सामने आया बड़ा फर्जीवाड़ा
रुद्रप्रयाग | अशासकीय वित्तपोषित माध्यमिक विद्यालयों में फर्जी तरीके से सहायक अध्यापक की नौकरी हासिल करने के मामले में शिक्षा विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए सात शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया है। इन शिक्षकों पर बीएड की डिग्री छिपाकर राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (एनआईओएस) से प्रशिक्षण लेने का गंभीर आरोप था।
शिक्षा निदेशालय को प्राप्त शिकायतों के आधार पर जांच कराई गई थी, जिसमें खुलासा हुआ कि वर्ष 2017 से 2019 के बीच एनआईओएस से डीएलएड (D.El.Ed.) करने वाले कुछ अभ्यर्थियों ने पहले से ही बीएड की डिग्री प्राप्त कर रखी थी, लेकिन इसे छिपाकर उन्होंने ऐसे प्रशिक्षण कोर्स के लिए आवेदन किया, जो केवल अप्रशिक्षित अभ्यर्थियों के लिए निर्धारित था।
जांच के दौरान यह भी सामने आया कि रुद्रप्रयाग जिले में विद्यालय प्रबंधनों ने ऐसे ही नियम बनाए, जिनसे केवल चहेते उम्मीदवारों को ही शिक्षक पद के लिए पात्र बनाया जा सके। इनमें शर्त थी कि केवल वही आवेदन कर सकते हैं, जिन्होंने वर्ष 2017 से पहले कोई भी शिक्षक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम नहीं किया हो।
इन भर्तियों के खिलाफ लगातार शिकायतें सामने आती रहीं, जिनमें आरोप लगाया गया कि कई चयनित अभ्यर्थियों के पास पहले से बीएड या टीईटी जैसी अर्हताएं थीं, फिर भी उन्होंने नियमों को ताक पर रखकर एनआईओएस से प्रशिक्षण लिया और सहायक अध्यापक पद पर नियुक्त हो गए। मामला हाईकोर्ट तक पहुंचा, जिसके बाद शिक्षा निदेशालय ने विस्तृत जांच के आदेश दिए।
जांच में दोषी पाए गए सात शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। जिला शिक्षा अधिकारी (बेसिक) अजय चौधरी ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की गई है। उन्होंने यह भी कहा कि अन्य संदिग्ध मामलों की भी जांच जारी है और यदि किसी और की संलिप्तता सामने आती है, तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
गौरतलब है कि रुद्रप्रयाग जिला इससे पहले भी फर्जी दस्तावेजों के आधार पर शिक्षक नियुक्तियों को लेकर सुर्खियों में रहा है। पूर्व में भी कई शिक्षकों को फर्जी प्रमाणपत्र के आधार पर नियुक्त किया गया था, जिन पर विभागीय कार्रवाई हो चुकी है।
