कुमाऊं में टैक्सी चालकों की हत्या कर शव ठिकाने लगाने वाला अजय लांबा दिल्ली से गिरफ्तार
अजय लांबा ने लूटी थी दर्जनों टैक्सियाँ, चालकों को मारकर फेंकता था पहाड़ से
हल्द्वानी, उत्तराखंड: कुमाऊं मंडल में टैक्सी चालकों की हत्या कर शवों को पहाड़ों से नीचे फेंकने वाले सीरियल किलर और गिरोह के सरगना अजय लांबा को उत्तराखंड पुलिस ने लगभग 25 साल बाद दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया है। लांबा अपने गिरोह के साथ मिलकर पहले टैक्सी बुक करता था, फिर चालक को लूटकर गला घोंटकर उसकी हत्या कर देता था। शव की पहचान मिटाने के लिए उसे पहाड़ से नीचे फेंक दिया जाता था और लूटी गई टैक्सी नेपाल में बेच दी जाती थी।
इस गिरोह के दो सदस्य पहले ही गिरफ्तार हो चुके हैं और आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं। उन्हीं से मिली जानकारी के आधार पर क्राइम ब्रांच के उपायुक्त आदित्य गौतम के नेतृत्व में इंस्पेक्टर राकेश कुमार और अनुज कुमार की टीम ने मास्टरमाइंड अजय लांबा को इंडिया गेट के पास से गिरफ्तार किया। वह एनडीपीएस एक्ट से जुड़े एक मामले में अदालती कार्यवाही के लिए आ रहा था।
लांबा को पहले विकास पुरी पुलिस स्टेशन ने ‘बंसी’ उपनाम से भगोड़ा घोषित किया था। 1996 में उसने अपना नाम बदलकर अजय लांबा रख लिया और बरेली चला गया। वहीं उसने धीरेंद्र, धीरज और दिलीप नेगी के साथ मिलकर टैक्सी चालकों की हत्या कर वाहन लूटने और उन्हें नेपाल में बेचने का धंधा शुरू किया।
अजय लांबा 1999-2001 के बीच दिल्ली, हल्द्वानी, अल्मोड़ा, लोहाघाट और चंपावत में इसी तरह के चार मामलों में शामिल था, लेकिन इन सभी मामलों में वह कभी गिरफ्तार नहीं हुआ और भगोड़ा घोषित था। उसके खिलाफ 1990 से लेकर अब तक चोरी और अवैध हथियार रखने जैसे कई मामले दर्ज हैं। पुलिस उससे पूछताछ कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि उसने कुल कितने कैब चालकों की हत्या की है। इस गिरोह का एक अन्य सदस्य अभी भी फरार है।

