उत्तराखंड में 250 वर्ग मीटर जमींन खरीद में धोखाधड़ी का अंदेशा, नियम तोड़ने पर जमीन सरकार में निहित
पहले चरण में चार पौड़ी, टिहरी, अल्मोड़ा और नैनीताल जिलों में जांच के दिए निर्देश
देहरादून। सचिवालय में शनिवार को मुख्यमंत्री धामी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि राजस्व सचिव एसएन पांडे को जांच की जिम्मेदारी दी गई है।
इसके तहत प्रदेश के बाहर के लोगों द्वारा परिवार के एक से अधिक सदस्यों के नाम खरीदी गई जमीन का ब्योरा मांगा गया है। यदि उनके द्वारा 250 वर्ग मीटर से ज्यादा जमीन नगर क्षेत्र से बाहर खरीदी पाई जाती है तो अतिरिक्त जमीन को सरकार में निहित किया जाएगा।
धामी ने कहा कि राज्य में निवेश के नाम पर ली गई 12.5 एकड़ से अधिक जमीन के वर्तमान उपयोग का विवरण भी मांगा गया है। जिस उद्देश्य से जमीन खरीदी गई, यदि उसका सही उपयोग नहीं किया जा रहा है तो ऐसी जमीनें भी सरकार जब्त कर लेगी।
मुख्यमंत्री ने बताया कि यूएसनगर और कुछ अन्य स्थानों में आरक्षित वर्ग की जमीनों को सुनियोजित तरीके से बेचे जाने की शिकायतें भी मिली हैं। इससे डेमोग्राफिक बदलाव भी हो रहा है। इस विषय को भी जांच में शामिल किया जा रहा है।
विदित है कि टिहरी झील, धनोल्टी, औली, भीमताल समेत कई पर्यटन स्थलों के आसपास जमीनों की खरीद-फरोख्त की शिकायतें हैं। इससे पहले शुक्रवार को सीएम बजट सत्र में वृहद भू-कानून लाने का ऐलान कर चुके हैं। इसके लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में प्रारूप समिति पहले से काम कर रही है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, उत्तराखंड में भूमाफिया तंत्र को विकसित नहीं होने दिया जाएगा। जमीनों की खरीद-फरोख्त के विषय पर सरकार बेहद गंभीर है। यदि नियमों को उल्लंघन पाया जाता है तो सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।